सवाल: निविदा सिक्योरिटी की थी या आऊट सोर्स के लिए..?
अक्षरविश्व प्रतिनिधि .उज्जैन। लोकायुक्त के नोटिस के बाद महाकाल मंदिर प्रशासन में हड़कंप मच गया है। दरअसल लोकायुक्त को हुई शिकायत में उठाए गए बिन्दुओं में प्रारंभिक तौर पर निविदा प्रक्रिया में पक्षपात नजर आ रहा है। इसे लोकायुक्त ने गंभीरता से लिया है। इसके बाद न केवल मंदिर की सुरक्षा का ठेका शंका के दायरे में है, बल्कि बड़ा सवाल यह भी सामने आया है कि निविदा सिक्योरिटी की थी या आउटसोर्स के लिए..?
महाकाल मंदिर की सुरक्षा के ठेके को लेकर लोकायुक्त शाखा उज्जैन में मंदिर परिसर की सुरक्षा निविदा को लेकर 10 सवाल उठाए गए है। लोकायुक्त शिकायत में शिकायत में पक्षपात का साफ-साफ नजर आ रहा है। इसके चलते लोकायुक्त शाखा ने शिकायत को गंभीरता से लिया। तभी तो मंदिर प्रबंध समिति को नोटिस जारी किया गया है।
सूत्रों के अनुसार लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत का परीक्षण करने के बाद ही नोटिस जारी किया है शिकायत की सतही पड़ताल में यह साफ नजर आ रहा है कि निविदा में ऐसी शर्ते रखी गई, जिससे एक फर्म को फायदा हुआ। शिकायतकर्ता ने आवेदन में कहा है कि जिस कंपनी को सुरक्षा का ठेका देना था, उसके हिसाब से शर्ते बनाई गई।
शिकायत के खास बिन्दु
निविदा में यह अंकित है। सुरक्षा एजेंसी को कम्प्यूटर ऑपरेटर- चपरासी- नर्सिंग स्टाफ- केटरिंग स्टाफ- टाईपिंग- लोडर- इलेक्ट्रीशियन- सिविल इंजीनियर- स्टेनोग्राफर- आर्किटेक्ट- प्लंबर- शिक्षक आदि प्रदान करने होंगे। सवाल यह है कि महाकाल मंदिर प्रबंध समिति द्वारा निकाली गई निविदा सुरक्षा की है या मल्टी टास्किंग (आउटसोर्स) के लिए…।
क्रिस्टल इंटीग्रेटेड सर्विसेज प्रायवेट लिमिटेड को कार्य देने का आधार 500 करोड़ टर्न ओवर बनाया है। निविदा में मेरिट के आधार पर नंबरिंग की गई। यह पैमाना गलत है। इससे जाहिर होता है कि निविदा को कंपनी विशेष को लाभ प्रदान करने के लिए बनाया गया था
क्रिस्टल इंटीग्रेटेड सर्विसेज प्रायवेट लिमिटेड के पास सुरक्षा कार्य हेतु वैध पसारा लायसेंस नहीं है। कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए निविदा में 30 दिन में पसारा लायसेंस देने की शर्त डाली गई। पसारा नहीं होने के चलते, क्रिस्टल की निविदा में शामिल होने पात्रता ही नहीं बनती है। कंपनी को लाभ दिलाने के लिए शर्त डाली गई। यह निजी सुरक्षा एजेंसी नियम 2005 का उल्लंघन है।
क्रिस्टल के पास मैन पॉवर का टर्न ओवर सुरक्षा का नहीं है। निविदा सुरक्षा की निकली। मैन पॉवर का टर्न ओवर 500 करोड़ मिलाकर मान्य किया जाना, कंपनी को लाभ पहुंचाने का मकसद दर्शाता है।
समिति ने 5 प्रतिशत सर्विस चार्ज रखा। मंदिर संचालन दान से होता है। पूर्व की कंपनिया 1 प्रतिशत में काम करती आ रही है, तो 5 प्रतिशत चार्ज करना, सीधे-सीधे कंपनी को लाभ पहुंचाना है।
– प्री-बिड के समय जो आपत्तियां आई। उनका सही निराकरण नहीं किया गया और ना ही अनुमोदन। बिना अनुमोदन के क्रिस्टल को लाभ पहुंचाने के लिए 31 जनवरी 2023 को निविदा में संशोधन कर दिया गया।
– निविदा के पेज नं. 12 पर लिखी शर्तो में से बिना सक्षम स्वीकृति के 1 शर्त को विलोपित कर दिया गया। जिसका फायदा क्रिस्टल कंपनी को मिला।
– निविदा में स्टार्ट-अप और एमएसएमई का पालन नहीं किया गया।
– निविदा सुरक्षा की जारी हुई थी। किन्तु क्रिस्टल को लाभ देने के लिए शर्तो में फेरबदल किया गया। टर्न ओवर में लाभ पहुंचाने के लिए सुरक्षा/ मैन पॉवर कर दिया गया। मैन पॉवर में कम्प्यूटर ऑपरेटर, नर्स आदि भी आते है। इनका सफाई से क्या संबंध।