Wednesday, November 29, 2023
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महाकाल मंदिर के प्रोटोकॉल की जानकारी ही नहीं कई विभागों को

दर्जनों विभागों और नेताओं को मिलती है मंदिर में सुविधा

महाकाल मंदिर के प्रोटोकॉल की जानकारी ही नहीं कई विभागों को

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:महाकालेश्वर मंदिर में वीआईपी, वीवीआईपी सहित पुलिस प्रशासन के अफसर, नेताओं सहित दर्जनों विभागों को प्रोटोकॉल के माध्यम से दर्शन कराने की व्यवस्था है। खास बात यह कि जिन्हें यह सुविधा मिल रही है उन्हें यह जानकारी ही नहीं रहती कि विभाग के नाम पर प्रतिदिन कितने लोग उनके नाम से दर्शन कर रहे हैं। इसी का फायदा सेटिंगबाज और ठगों द्वारा उठाकर देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ठगी की जा रही है।

मंत्री, सांसद, विधायक, महापौर सहित पुलिस प्रशासन के अफसरों व अन्य वीआईपी, वीवीआईपी सहित पंडे पुजारियों को भी महाकालेश्वर मंदिर में शीघ्र दर्शन की व्यवस्था मंदिर समिति द्वारा प्रोटोकाल के माध्यम से की गई है। खास बात यह कि मंत्री, सांसद, विधायक, महापौर के परिजनों या परिचितों के लिये मंदिर समिति द्वारा प्रतिदिन दर्शन और भस्म आरती का कोटा भी निर्धारित किया गया है।

हालांकि यह बात अलग है कि उक्त लोग प्रतिदिन मंदिर नहीं जाते लेकिन उनके माध्यम से प्रोटोकॉल प्राप्त कर अन्य लोग इस सुविधा का लाभ उठाते हैं। खास बात यह कि महाकालेश्वर सहित अन्य मंदिरों कालभैरव, मंगलनाथ, हरसिद्धी, चिंतामण गणेश में वीआईपी सुविधा प्राप्त करने के लिये अनेक लोग जनप्रतिनिधियों से प्रतिदिन संपर्क भी करते हैं। जनप्रतिनिधि इस व्यवस्था को स्वयं न देखते हुए अपने अधीनस्थों के माध्यम से संचालित करवाते हैं।

यही कारण है कि उनकी जानकारी के अभाव में कई लोग फर्जी तरीके से प्रोटोकॉल सुविधा प्राप्त कर लेते हैं। अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि कई बार प्रोटोकाल से दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिदिन १ हजार से ऊपर तक पहुंच जाती है। ऐसे में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश बाधित होने लगता है।

ऐसे हुई महापौर के नाम पर गड़बड़ी

छत्तीसगढ़ दुर्ग से आए श्रद्धालु नंदकिशोर शर्मा व उनके परिवारजन से भस्मार्ती के नाम पर प्रति व्यक्ति 1500 तथा जलाभिषेक के 2100 प्रति व्यक्ति लिये गए। इस हिसाब से भस्मआरती के नाम पर 6 लोगों से 9 हजार और जलाभिषेक के नाम पर 12600 रुपये लिए गए। मंदिर प्रशासन के सामने इसकी शिकायत पहुंची तो खुलासा हुआ कि घनश्याम शर्मा नामक व्यक्ति ने उक्त लोगों से संपर्क किया था और घनश्याम ने ही गूगल पे से ऑनलाइन भुगतान कराया। घनश्याम ने ही भस्म आरती टिकिट श्रद्धालुओं को दिए। इस रैकेट में धीरज शर्मा, भावेश जोशी और सोनू पारीख के नाम भी सामने आये हैं। भस्म आरती सहित मंदिर में गर्भगृह से दर्शनों के लिये भी विधायक के नाम से प्रोटोकॉल का उपयोग करने की जानकारी सामने आई है।

सामान्य परमिशन का यह लगता है शुल्क

महाकालेश्वर मंदिर में भगवान का जलाभिषेक करने हेतु 750 रुपये प्रति व्यक्ति, भस्मआरती दर्शन के लिये 200 रुपये प्रति व्यक्ति और शीघ्र दर्शनों के लिये 250 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क मंदिर समिति द्वारा निर्धारित किया गया है।

इनमें से जलाभिषेक और भस्म आरती की परमिशन ऑनलाइन कराई जा सकती है जबकि शीघ्र दर्शनों हेतु काउंटर से टिकिट लिया जा सकता है।महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की ओर से छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं के साथ धोखाधड़ी का आवेदन मिला था। जिसमें चार लोगों के नाम भी दर्शाए गए हैं। आवेदन की जांच के बाद धारा 420 के तहत केस दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। मुनेन्द्र गौतम, टीआई महाकाल थाना

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