महाकाल मंदिर परिसर में अयोध्या के श्रीराम मंदिर जैसा होगा लुक…
विश्रामधाम, टनल का ऊपरी हिस्सा और वेटिंग हॉल एक जैसे होंगे
20 करोड़ रुपयों से निखरेगा मंदिर का स्वरूप, बंसीपहाड़पुर के लाल पत्थर लगेंगे
अक्षरविश्व प्रतिनिधि .उज्जैन।महाकाल मंदिर परिसर का स्वरूप अब अयोध्या के श्रीराम मंदिर जैसा दिखाई देगा। अयोध्या की तरह बंसीपहाड़पुर के पत्थरों से परिसर को ऐसा सुंदर रूप दिया जाएगा कि दर्शनार्थी दंग रह जाएंगे। करीब 20 करोड़ की लागत से यह काम होगा। इससे विश्रामधाम, नए वेटिंग हॉल और टनल का एक जैसा लुक दिखाई देगा। करीब 45 मीटर लंबी टनल ऊपर से दिखाई ही नहीं देगी।
महाकाल मंदिर का परिसर बंसीपहाड़पुर के लाल पत्थरों से संवारा जाएगा। विश्रामधाम पर भी पत्थरों से ऐसी क्लेडिंग की जाएगी कि यह एक जैसे रंग रूप में नजऱ आएगा। पूरे परिसर में फसाड वर्क होगा। पत्थरों से परिसर में सुंदर क्लेडिंग की जाएगी। लाइटिंग से यह परिसर एकदम सुंदर दिखाई देगा।
यूडीए द्वारा बनाए जा रहे न्यू वेटिंग हॉल का काम तेजी से चल रहा है। परिसर में एल शेप की टनल का काम भी युद्धस्तर पर रात दिन किया जा रहा है। महाकाल मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने इस काम को श्रावण मास से पहले पूरा करने की डेडलाइन दी है। राजस्थान के भरतपुर जिले के रूपवास क्षेत्र में स्थित बंसी पहाड़पुर का लाल पत्थर दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यह हजारों सालों तक खराब नहीं होता और न ही इसकी चमक पर कोई असर पड़ता है।
आधा रैंप, आधी टनल….गणेश मंडपम से ऐसे जुड़ेगी…
मंदिर परिसर में कुल 87 मीटर लंबी टनल बन रही।
42 मीटर का हिस्सा रैंप जैसा होगा। यह भूमिगत नहीं होगी। सीमेंट कांक्रीट से सुरक्षित दो पेड़ों के पास तक होगी।
45 मीटर लंबा हिस्सा भूमिगत टनल का रहेगा। यह 15 फीट गहरी होगी।
भूमिगत टनल कार्तिकेय मंडपम के नीचे गणेश मंडपम से जुड़ेगी।
रूद्रसागर की ओर से होंगे शिखर दर्शन
टनल का दूसरा हिस्सा रूद्रसागर की ओर स्मार्ट सिटी योजना में बन रहा है।
मंदिर से जोडऩे के लिए जूना महाकाल के पास इमरजेंसी एग्जिट को तोड़ा जाएगा।
इस टनल से वीआईपी एंट्री रहेगी और इमरजेंसी एग्जिट में उपयोग होगा।
कोटितीर्थ कुंड के पीछे रूद्रसागर की ओर बन रहे हॉल की छत पर बैठकर श्रद्धालु शिखर दर्शन कर सकेंगे।