Friday, September 29, 2023
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महाकाल मंदिर में दान राशि का हिस्सा पुजारी-पुरोहितों को देने पर लोकायुक्त से शिकायत

महाकाल मंदिर में दान राशि का हिस्सा पुजारी-पुरोहितों को देने पर लोकायुक्त से शिकायत

35 प्रतिशत हिस्सा दिनया जाता है, शिकायत में आरोप एक्ट में प्रावधान नहीं

उज्जैन। महाकाल मंदिर के गर्भगृह, नंदी हाल और नवग्रह मंदिर की दान पेटियों में आने वाली राशि का 35 प्रतिशत हिस्सा 16 पुजारियों को दिए जाने के मामले में लोकायुक्त को शिकायत की गई है। दान की राशि का हिस्सा महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के निर्णय अनुसार दिया जा रहा है।

महाकाल मंदिर के पुजारी -पुरोहितों को दान की राशि का हिस्सा देने के मामले में उज्जैन की सारिका गुरु ने लोकायुक्त में एक शिकायत की है। सारिका गुरु ने इससे पहले महाकाल मंदिर में शिवलिंग क्षरण का मुद्दा उठाया था जो सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अभिषेक को लेकर गाइडलाइन जारी की थी।

महाकाल मंदिर के प्रकल्प दान की राशि से चलते हैं। दर्शन के लिए आने वाले लाखों श्रद्धालु मंदिर के गर्भगृह से लेकर नंदी हॉल में लगी दान पेटियों में अपनी श्रद्धा अनुसार दान भेंट करते हैं। दान पेटियों को बारी-बारी से प्रतिमाह खोला जाता है। इनमें से निकलने वाली दान राशि का 65 प्रतिशत हिस्सा मंदिर समिति को और 35 प्रतिशत हिस्सा मंदिर के 16 पुजारियों को मिलता है।

सारिका गुरु को इसी पर आपत्ति है और लोकायुक्त को इसकी शिकायत की। शिकायत में सारिका गुरु ने उल्लेख किया है कि साल 1985 से आज तक मंदिर के 16 पुजारियों को दान की राशि का 35 प्रतिशत हिस्सा दिया जा रहा है। इतनी दान राशि पुजारियों को बांटने का मंदिर एक्ट में कहीं भी उल्लेख नहीं है,फिर भी 37 वर्षों से पुजारियों को महाकाल मंदिर से 35 प्रतिशत राशि दी जा रही है। सारिका गुरु ने गर्भगृह पूजन से मिलने वाली 1500 रुपए की राशि में से 75 प्रतिशत मंदिर के 22 पुरोहितों को दिए जाने का भी विरोध किया है।

प्रशासक का कहना- प्रबंध समिति के निर्णय से दे रहे राशि

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि दान पेटी का 35 प्रतिशत हिस्सा 16 पुजारियों को प्रबंध समिति की सहमति से दिया जा रहा है।

20 दिसंबर 2012 को मंदिर प्रबंध समिति ने यह निर्णय एक्ट के अनुसार लिया है। 2016 में हाईकोर्ट की डबल बेंच ने मंदिर प्रबंध समिति का हवाला देकर इसे यथावत रखने का निर्णय दिया था। वहीं महाकाल मंदिर के पुजारी महेश पुजारी ने कहा कि दान से मिलने वाले हिस्से पर यहां के पण्डे-पुजारियों का अधिकार है। पहले भी कई बार बात उठी, लेकिन पुजारियों का घर जजमान और पूजा पाठ से ही चलता है।

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