महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि… महाकाल निराकार रूप में

उज्जैन। उज्जैन के विश्वप्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर तड़के 2.30 बजे मंदिर के गर्भगृह के पट खोल दिए गए। उसके बाद पुजारियों ने विधि विधान से बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार किया।महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरि महाराज ने बाबा महाकाल की भस्मारती की।

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बाबा का पिछले आठ दिनों से बाबा साकार स्वरूप में थे। आज निराकार रूप में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। सतत 24 घंटे पर बाबा का जलधारा से अभिषेक होगा। पुजारियों ने तड़के बाबा का पंचामृत अभिषेक किया। उज्जैन के सभी मंदिरों में आज महाशिवरात्रि का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। शिवालय बाबा के जयकारों से गूंज रहे हैं। उज्जैन में 84 महादेव मंदिर हैं। इन मंदिरों में भी बाबा के आकर्षक श्रृंगार व पूजन हुए। भक्त बाबा का जलाभिषेक कर पूजन कर रहे हैं।

आज नहीं होगी शयन आरती, रातभर जागरण, गूंजेंगे विवाह के मंगल गीत

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वर्ष में एक बार ऐसी रात भी आती है जब भगवान महाकालेश्वर की शयन आरती नहीं होती। मंदिर में रात्रि जागरण के साथ महिलाएं भगवान के विवाह के मंगल गीत गाएंगी, सुबह पुजारियों की मौजूदगी में भगवान का सेहरा सजाकर दूल्हा स्वरूप में श्रृुंगार किया जायेगा। मंदिर के पुजारी पं. अजय शर्मा ने बताया कि शिवरात्रि पर भगवान महाकाल अपने भक्तों को निरंकार स्वरूप में दर्शन दे रहे हैं।

रात 9 बजे कोटितीर्थ स्थित कोटेश्वर महादेव मंदिर में गौरी गणेश पूजन होगा। यहां भगवान शिव का सेहरा श्रृंगार होगा। सरकारी पूजा के बाद वही पूजा गर्भगृह में रात 10.30 बजे होगी। भगवान की महान्यास, पंचामृत पूजन के बाद उबटन लगाया जायेगा। देर रात 3 बजे से सेहरा श्रृंगार शुरू होगा। सुबह 4-5 के बीच सेहरा श्रृंगार आरती के बाद आमजनों को सुबह 10 बजे तक दूल्हा स्वरूप में भगवान के दर्शन होंगे। 12 मार्च को वर्ष में एक बार दोपहर 12 बजे भस्मार्ती होगी। इस वर्ष भस्मार्ती दर्शनों की किसी को अनुमति नहीं दी गई है। पुजारियों की उपस्थिति में भस्मार्ती सम्पन्न होगी। –

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