अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:आज सावन मास का पहला सोमवार है। आज से ही भगवान महाकाल की सावन भादव मास में निकलने वाली सवारियों का क्रम शुरू हो गया । शाम 4 बजे सभामंडप में पालकी पूजन पश्चात राजाधिराज भगवान महाकालेवर मनमहेश स्वरूप में नगर भ्रमण के लिए निकले । इसकी तैयारियां सुबह से शुरू हो गई थी।
आज शाम 4 बजे सभामंडप से भगवान महाकालेश्वर की पालकी का विधि विधान से पूजन हुआ और सवारी पालकी द्वार पहुंची । यहां तैनात सशस्त्र पुलिस बल जवानों की टुकड़ी भगवान महाकालेश्वर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया । भगवान श्री महाकालेश्वर की पालकी मन्दिर से निकलने के बाद महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होती हुई रामघाट पहुंची । जहां शिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया गया ।
सके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची । प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि श्रावण माह की चार, अधिक मास की चार, और भाद्रपद माह की दो सवारियां मिलाकर कुल 10 सवारियों में भगवान श्री महाकालेश्वर विविध मोहक रूपों में भक्तो का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेगे.
ऊंचा-नीचा नया बना रोड बनेगा परेशानी
महाकालेश्वर मंदिर चौराहे से लेकर कोट मोहल्ला चौराहे तक की सड़क कुछ दिन पहले ही जल्दबाजी में तैयार कराई गई है। इस सड़क पर भी दोनों ओर बैरिकेट्स लगा दिए गए हैं। यह सड़क दोनों तरफ इस तरह बनाई गई है कि दोनों साइड 4 से 6 फीट की पुरानी सड़क का लेबल नहीं बढ़ाया गया है। इस कारण यहां ढलान बन गए हैं जिनकी ऊंचाई लगभग 1 फीट तक है। ऐसे में सवारी निकलने के दौरान इस मार्ग पर भीड़ में श्रद्धालुओं के फिसलने, गिरने की आशंका रहेगी। इतना ही नहीं तोप वाली मस्जिद की साईड से लेकर कोट मोहल्ला चौराहे तक अधूरे निर्माण के कारण मलवा और मटेरियल भी परेशानी खड़ी कर सकता है।
बैरिकेट्स के कारण लोग हुए परेशान, आवागमन में बाधा
शाम 4 बजे पहली सवारी निकलेगी, लेकिन सवारी मार्ग की बैरिकेटिंग व्यवस्था सुबह 11 बजे तक बहाल नहीं हो पाई थी। छत्री चौक तथा गोपाल मंदिर क्षेत्र से लेकर गुदरी चौराहा, ढाबा रोड और हरसिद्धि की पाल तक एक दिन पहले ही बैरिकेट्स रख दिए गए थे, वहीं सोमवार को दोपहर के बाद से बैरिकेट्स लगाने के कारण लोग घरों और दुकानों में कैद हो गए। सम्पूर्ण सवारी मार्ग दोपहर के बाद किसी को निकलने भी नहीं दिया जा रहा था।
ऐसे में लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही शहर का कारोबार भी प्रभावित हुआ है। इसे लेकर नागरिकों ने नाराजगी है। पालकी पूजन स्थल राणोजी की छत्री के सामने भी व्यवस्था पूरी नहीं हो पाई थी।