Monday, September 25, 2023
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महापौर बंगले के सामने का चैंबर भी खतरे की घंटी

महापौर बंगले के सामने का चैंबर भी खतरे की घंटी

शहर में बेतरतीब निर्माण से हो रही है मुसीबत

अक्षरविश्व प्रतिनिधि .उज्जैन। करोड़ों के सीवरेज प्रोजेक्ट के तहत बनाए जा रहे चैंबर के ऊंचे-नीचे लेबल राहगीरों की जान के लिए खतरा हैं। शहर के प्रमुख मार्गों से लेकर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बंगले के सामने तक इनका बेतरतीब निर्माण लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है। करीब 700 करोड़ का यह प्रोजेक्ट 5  साल गुजर जाने के बाद भी अधूरा है।

सीवरेज प्रोजेक्ट के अंतर्गत टाटा कंपनी द्वारा शहर में भूमिगत सीवरेज लाईन डालने तथा चैंबर निर्माण का काम पिछले करीब 5 साल से किया जा रहा है। शुरुआत से ही ठेका कंपनी ने पूरे शहर की सड़कों को उधेड़कर रख दिया है। कई जगह लाईन डालने के बाद सड़कों की मरम्मत भी ठीक से नहीं की है। जहां चैंबर बनाए गए है।

वहां सड़कों का लेवल तक नहीं मिलाया गया है। इसके कारण कॉलोनियों के साथ ही मुख्य सड़कों पर भी चैंबर सड़क से करीब दो से ढाई इंच तक ऊंचे-नीचे बना दिए गए हैं। यह राहगीरों और वाहन चालकों के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं।

स्टेशन से हरिफाटक ब्रिज की ओर जाने वाले मार्ग पर ऊंचे चैंबर के कारण 27 फरवरी 2021 को 24 साल के अक्षत पिता उमेश शर्मा की मौत हो चुकी है। रेलवे स्टेशन के सामने से लेकर चामुंडा माता चौराहे तक तथा यहां से कोयला फाटक चौराहे तक भी कई चैंबर खतरनाक स्थिति में हैं। लोगों को इनसे बचकर चलना पड़ रहा है।

महापौर के बंगले के सामने भी सुरक्षित नहीं

शहर के अन्य मार्गों की बात तो दूर महापौर बंगले के सामने एक बड़ा चैंबर है जो सड़क के लेबल से ऊंचा-नीचा बना हुआ है। यहां कई बार वाहन चालक कुछ बचकर निकल रहे हैं तो कुछ ध्यान हटने पर वाहन सहित उछल रहे हैं। देवास रोड़ पर बने हर एक चैंबर से वाहन चालकों को खतरा है।

निर्माण एजेंसी को पत्र लिखा है

चैंबर निर्माण के कार्यों में सुधार को लेकर निर्माण एजेंसी को पत्र लिखा गया है। अधिकारियों को भी प्रति सप्ताह निर्माण स्थल पर जाकर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। जहां भी कमी पाई जाएगी वहां प्राथमिकता से सुधार कराए जाएंगे।

शिवेन्द्र तिवारी, प्रभारी सीवरेज एंव जलकार्य समिति, नगर निगम

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