Friday, December 1, 2023
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मृत्यु शाश्वत सत्य, इससे डर कैसा: मुनिश्री

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन संसार में सबसे बड़ा डर यदि कोई है तो वह मृत्यु का डर है। मृत्यु से बचने वाले तो कोई है नहीं। जब मृत्यु निश्चिम है, परम सत्य है तो फिर डर कर व्यक्ति मृत्यु से बच जायेगा क्या। संसार के प्रत्येक व्यक्ति की मृत्यु सात दिन में से एक दिन निश्चित ही है।

उक्त विचार मुनिश्री सुप्रभसागर महाराज ने आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में महाज्ञान कुंभ वर्षायोग में होने वाली प्रतिदिन की रयणसार ग्रंथ की प्रवचनमाला के अंतर्गत आयोजित धर्मसभा व्यक्त किए। मुनिश्री ने कहा कि स्वयं विचार करो कि जब भी आपकी मृत्यु होगी उस दिन सोमवार से रविवार तक के सात दिनों में से कोई न कोई दिन अवश्य ही होगा। सात प्रकार के भ्रम इहलोक, भय, परलोक भय, मरण भय, वंदना भय, अंगुरित भय, अरक्षा भय और आकस्मिक भय से जीव सदा ही डरता रहता है। कितने ही डरते रहना, लेकिन इस मृत्यु के भय से तुम बचने वाले तो हो नहीं। कहा भी जाता है कि जो डर गया सो मर गया।

कोरोना काल में भी देखा जाए तो कोरोना से बहुत कम लोगों की मृत्यु हुई लेकिन सर्वाधिक लोग डर से मरे। कुछ कोरोना में डर से मरे, तो कुछ ओवर कांफिडेंस से मरे है। सम्यक दृष्टि जीव जो होता है वह किसी भी डर से डरता नहीं है, क्योंकि डर के आगे ही जीत है और जिसने मिथ्यात्व जैसे महाभय को डर को जीत लिया वही मिथ्यात्व को छोड़कर सम्यक दृष्टि बनता है। मुनिश्री ने कहा कि आज वर्तमान में जो धर्म, धर्मात्मा के टुकड़े हो रहे हैं वह केवल तुम्हारे डरपोकपन के कारण हो रहे हैं। डर के ही कारण व्यक्ति मित्यात्व आगे भी सिर झुका लेता है, उसे डर लगता है कि यदि मैं नमस्कार नहीं करूंगा तो मेरी मृत्यु हो जाएगी। मेरा काम बिगड़ जाएगा।

लेकिन सम्यक दृष्टि यही सोचता है कि सौ काम बिगड़े तो बिगड़ जाए। मृत्यु आज आनी है सो अभी आ जाए,लेकिन में मित्यात्व के आगे सिर नहीं झुकाने वाला। अरे, डरना ही है तो व्यक्ति को पाप से डरना चाहिये, अपनी करतूती से डरना चाहिए। धर्मसभा के पूर्व मंगलाचरण करने का सौभाग्य उषा सेठी ने प्राप्त किया। आचार्यश्री विशुद्धसागर महाराज की पूजन मंजू प्रवीण जैन एवं जिनेन्द्र जैन ने संपन्न कराया।

मुनिश्री के पाद प्रक्षालन एवं शास्त्र भेंट का सौभाग्य प्रमोदकुमार जैन एवं पलाश झांझरी परिवार ने प्राप्त किया। ललितपुर, गुरसराय उत्तरप्रदेश, अमरावती महा. एवं जतारा सागर से आये श्रावकों ने आचार्यश्री के चित्र अनावरण एवं दीप प्रज्जवलन का सौभाग्य प्राप्त किया। प्रदीप झांझरी ने बताया कि धर्मसभा में चातुर्मास समिति के अध्यक्ष शांतिकुमार कासलीवाल, दिगंबर जैन सोश्यल ग्रुप फेडरेशन के कार्याध्यक्ष देवेन्द्र कांसल, अशोक मोदी, आरसी जैन, सुनील बडघरिया, कमल मोदी ने गुरूचरणों में विनयांजलि भेंट की।

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