सुप्रीम कोर्ट ने पूर्णेश मोदी और गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (21 जुलाई) को कहा कि वह ‘मोदी’ उपनाम मानहानि मामले में गुजरात उच्च न्यायालय के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर 4 अगस्त को सुनवाई करेगा। गुजरात उच्च न्यायालय ने पहले के आदेश में राहुल गांधी को अपनी टिप्पणियों के माध्यम से एक समुदाय को बदनाम करने का दोषी ठहराया था। वह मामला गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने दायर किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को गुजरात सरकार और बीजेपी विधायक और मामले में शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी को भी नोटिस जारी किया. शीर्ष अदालत को 10 दिन के भीतर नोटिस पर अपना जवाब दाखिल करना होगा.
क्या है मामला?
2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?’ इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
निचली अदालतों में अब तक क्या हुआ?
23 मार्च को निचली अदालत ने राहुल को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इसके अगले ही दिन राहुल की लोकसभा सदस्यता चली गई थी। राहुल की अपना सरकारी घर भी खाली करना पड़ा था। निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ दो अप्रैल को राहुल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जस्टिस प्रच्छक ने मई में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद सात जुलाई को कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया और राहुल की याचिका खारिज कर दी थी।
हाईकोर्ट ने क्या कहा था?
गुजरात हाइ्रकोर्ट ने राहुल की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि राजनीति में शुचिता’ अब समय की मांग है। जनप्रतिनिधियों को साफ छवि का होना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा था कि दोषसिद्धि पर रोक लगाना नियम नहीं, बल्कि अपवाद है। इसे विरले मामलों में ही इस्तेमाल किया जाता है। जस्टिस प्रच्छक ने 125 पेज के अपने फैसले में कहा था कि राहुल गांधी पहले ही देशभर में 10 मामलों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में निचली अदालत का आदेश न्यायसंगत, उचित और वैध है।