उज्जैन की पुलिस व्यवस्था
अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:उज्जैन में चोरी की वारदात नहीं होती है बल्कि श्रद्धालुओं की लापरवाही से उनका सामान जरूर गुम होता है.. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं यह पुलिस का वह प्रोफार्मा बता रहा है जिसे अलग-अलग थानों में पीडि़तों से भरवाया जाता है। खासतौर पर इस आवेदन का उपयोग महाकाल थाना क्षेत्र में हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि सावन का पवित्र महीना चल रहा है। इस पवित्र महीने में प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के दर्शन करने के लिए देशभर के श्रद्धालु उज्जैन पहुंच रहे हैं। इनमें से कई श्रद्धालुओं के साथ चोरी, ठगी आदि की वारदातें घटित हो रही है।
इन वारदातों को रोकने की बजाए पुलिस इन पर बड़ी ही चालाकी से पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। इसका ताजा उदाहरण महाकाल थाना क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। महाकाल थाने में जब कोई फरियादी चोरी की शिकायत लेकर पहुंचता है तो उसे एक कोरा आवेदन पत्र थमा दिया जाता है।
इस आवेदन में सामान गुम होने की सूचना संबंधी बातें लिखी होती है जिसे फरियादी को भरना होता है। पुलिस इस पर थाने की सिल लगाकर दे देती है। इस आवेदन को लोग मुकदमा दर्ज होना समझकर लेकर चले जाते हैं। हालांकि पुलिस को नियमानुसार धारा 379 भादंवि के तहत अपराध दर्ज करना चाहिए, किंतु रोज हो रही कई वारदातों से अपराधिक रिकॉर्ड न बढ़ जाए, इसलिए नया रास्ता निकाल लिया गया है।
मुझे आवेदन की कोई जानकारी नहीं- एसपी
पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा ने अक्षरविश्व को बताया कि यदि कोई सामान गुम होता है या किसी व्यक्ति द्वारा बदनियति से उठा लिया जाता है तो दोनों अलग-अलग बातें है।
बदनियति से सामान उठाने पर धारा 379 के तहत चोरी का मामला दर्ज होता है। मुझे महाकाल थाने के आवेदन के बारे में जानकारी नहीं है। मैं इस मामले को दिखवाता हूं। पुलिस कप्तान की जानकारी के बिना पीडि़तों से चोरी के मामलों में गुम होने का आवेदन लेना भी गंभीर लापरवाही प्रतीत हो रही है।
बस व रेल का किराया देकर भेज रहे पंडित पुरोहित
महाकाल थाना क्षेत्र में चोरी की वारदातों ने रिकॉर्ड कायम कर लिया है। रामघाट के पंडित राजेश गुरु के मुताबिक केवल रामघाट क्षेत्र में ही श्रद्धालुओं के साथ चोरी और जेबकटी की आधा दर्जन वारदातें रोज हो रही है। छतरपुर से धार्मिक यात्रा पर उज्जैन आए जितेन्द्र लखेरा पिता परमानंद लखेरा के अज्ञात बदमाश कपड़े चुराकर ले गए। उनके कपड़े में 39 हजार रुपए की नकदी, मोबाइल फोन आदि सामान रखा हुआ था।
जितेन्द्र के साथ 6 अन्य श्रद्धालु थे। बताया जाता है कि सभी श्रद्धालुओं ने चोरी के डर से अपनी राशि निकालकर 39 हजार रुपए जितेन्द्र के कपड़ों में रख दिए थे। वारदात के बाद एक रुपया भी नहीं बचा था। रामघाट के पंडित और पुरोहितों ने राशि एकत्र कर श्रद्धालुओं को किराये के रुपए दिए। इस प्रकार की घटनाएं आए दिन देखने को मिल रही है। इस मामले में भी पुलिस ने सामान गुम होने का आवेदन लेकर श्रद्धालुओं को रवाना कर दिया।