Friday, September 22, 2023
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यह कैसा…संजीवनी क्लीनिक जो शाम ढलते ही बन जाता है शराबियों का अड्डा

यह कैसा…संजीवनी क्लीनिक जो शाम ढलते ही बन जाता है शराबियों का अड्डा

सुबह से शाम तक 50 से 60 मरीज कराने आते हैं उपचार…

उज्जैन। शहर में शासन ने 20 हजार की आबादी पर एक संजीवनी क्लीनिक बनाकर डॉक्टर्स सहित अन्य स्टाफ को पदस्थ किया है जहां पर सुबह 9 से शाम 4 बजे तक मरीजों का उपचार, दवा वितरण और जांच की जाती हैं, लेकिन शहर में एक ऐसा संजीवनी क्लीनिक भी है जो शाम ढलते ही शराबियों का अड्डा बन जाता है।

जूना सोमवारिया स्थित संजीवनी क्लीनिक में एक मेडिकल ऑफिसर सहित 2 स्टाफ नर्स, 1 कम्प्यूटर ऑपरेटर, 1 हेल्पर और एक सफाईकर्मी पदस्थ है। स्टाफ ने बताया कि यहां सामान्य दिनों में ही 65 से 70 मरीज प्रतिदिन उपचार के लिये पहुंचते हैं। जिनको सामान्य बीमारियों में उपचार के साथ ही दवा का वितरण भी किया जाता है। यहीं पर मरीजों को बॉटल चढाने और इंजेक्शन लगाने के साथ ड्रेसिंग की सुविधा भी है, लेकिन कहीं भी स्टाफ के लोगों के मोबाइल नंबर या अन्य जानकारी डिस्प्ले नहीं की गई है। स्टाफ के लोग बताते हैं कि कुछ शरारती तत्व क्लीनिक से मोबाइल नंबर लेकर परेशान करते हैं इस कारण कहीं भी संपर्क नंबर नहीं लिखे गये हैं।

अधिकारियों से कर चुके हैं शिकायत

सीएमएचओ कार्यालय में जूना सोमवारिया के संजीवनी क्लीनिक परिसर में होने वाली शराबखोरी और अन्य गतिविधियों की जानकारी मय प्रमाण के दी गई है। वहां के अधिकारियों ने नगर निगम को पत्र लिखकर बाउंड्रीवॉल उंची करने व बड़ा गेट लगाने की बात कही है। फिलहाल यहां कोई इंतजाम नहीं किये गये हैं।

यहां कोई चौकीदार भी नहीं रहता

स्टाफ के लोगों ने बताया कि सुबह से शाम तक मरीजों का उपचार करने के बाद क्लीनिक बंद कर दिया जाता है। रात के समय यहां कोई चौकीदार नहीं रहता। शरारती और बदमाश लोग क्लिनिक बंद होने के बाद बाउण्डी का नकूचा खोलकर परिसर में बैठकर शराबखोरी करते हैं यही नहीं पिछले दिनों किसी ने यहां जानवर काटकर खून तक फैला दिया था।

इनका कहना…. क्लीनिक में प्रतिदिन मरीजों का उपचार होता है, दवाओं का स्टॉक भी है। खून आदि जांचें भी होती हैं जिनकी रिपोर्ट मरीज के मोबाइल नंबर पर मैसेज के द्वारा भेजी जाती है, लेकिन रात के समय यहां असामाजिक तत्व डेरा डालकर शराबखोरी व गंदगी करते हैं। इससे सीएमएचओ कार्यालय को अवगत कराया जा चुका है।
डॉ. सौम्या उपाध्याय, मेडिकल ऑफिसर

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