Friday, September 29, 2023
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यात्री टैक्स वसूली के लिए नगर निगम का प्लान तैयार

बिल बुक और अन्य दस्तावेजों का वैरिफिकेशन भी किया जाएगा

यात्री टैक्स वसूली के लिए नगर निगम का प्लान तैयार

होटल के बैंक अकाउंट से फेअर की निगरानी

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:शहर में आने वाले यात्रियों के कर की वसूली के लिए नगर निगम ने प्लान तैयार किया है। होटल संचालक टैक्स देने से बचने के लिए अंडर टेबल गड़बड़ी नहीं कर सके इसके लिए बिल बुक और अन्य दस्तावेजों का वैरिफिकेशन करने के साथ यात्रियों के द्वारा होटल में जमा किए जाने वाले फेअर (किराया/शुल्क) पर होटल के बैंक अकाउंट से निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए बैंकों से नियमानुसार अधिकार प्राप्त किए जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि उज्जैन नगर निगम अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसको लेकर निगम ने हाल ही में शहर के होटल, लॉज, यात्रीगृह और धर्मशालाओं में ठहरने वाले यात्रियों के मान से संचालकों से यात्री टैक्स लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

इससे निगम की आय में बढ़ोतरी तो होगी ही, शहर का भी विकास होगा। लेकिन कुछ होटल संचालक इसमें भी जुगाड़ के अवसर तलाश रहे हैं। यहीं वजह है कि अब नगर निगम होटल संचालकों के बैंक अकाउंट पर निगरानी रखने की तैयारी कर रहा है। साथ ही होटल में उपयोग में आने वाली बिल बुक और अन्य दस्तावेजों का वैरिफिकेशन भी अनिवार्य रूप से किया जाएगा।

दरअसल, महाकाल लोक लोकार्पण के बाद शहर में बड़ी संख्या में बाहरी यात्री और पर्यटक यहां के होटल, लॉज आदि में रुकते हैं। ऐसे में पुलिस प्रशासन और नगर निगम के होटल और लॉज संचालकों को सख्त निर्देश है कि हर यात्री का रिकॉर्ड रखा जाए और उनसे दस्तावेज भी लिए जाए। कुछ होटल, लॉज संचालक ऐसा नहीं कर रहे है। इधर नगर निगम ने एक अप्रैल 2023 से होटल व धर्मशाल संचालकों पर यात्री कर अनिवार्य कर दिया है।

जिसका सीधा नहीं तो अप्रत्यक्ष रूप से असर यात्रियों की जेब पर ही डाला जाएगा। इसके लिए होटल संचालक या तो यात्रियों से ही अतिरिक्त किराया (फेअर) बढ़ाकर यात्री टैक्स की राशि वसूल करेंगे या फिर चेक इन या चेक आउट टाइम रजिस्टर में ऐसे यात्रियों की इंट्री ही नहीं होगी, जो एक दिन अथवा रात या उससे भी कम समय के लिए होटल में ठहरते है। ताकि नगर निगम को यात्री टैक्स देने से बचा जा सके।

एक नजर में यात्रीकर

होटल, लॉज, यात्रीगृह आदि में ठहरने वाले यात्रियों के द्वारा भुगतान की जाने वाली राशि का कुल 5 प्रतिशत टैक्स के रूप में निगम को देना पड़ेगा।

धर्मशालाओं में ठहरने वाले यात्रियों के द्वारा भुगतान की जाने वाली राशि का कुल 3 प्रतिशत यात्रीकर के रूप में देना होगा।

होटल संचालकों/प्रोपरायटरों को हर माह के पहले सप्ताह में निर्धारित प्रारूप के अनुसार स्व-विवरणी में दर्ज यात्री किराया दर की जानकारी नगर निगम मुख्यालय स्थित लाइसेंस शाखा में प्रस्तुत करना अनिवार्य होगी।

यात्रीकर को लेकर पूरी प्लानिंग तैयार की जा चुकी है। जल्द ही होटल, लॉज और धर्मशाला संचालकों से इसकी वसूली भी शुरू की जाएगी।मुकेश टटवाल, महापौर उज्जैन नगर निगम

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