हम घर की जगह दे सकते हैं लेकिन मंदिर की एक ईंट भी खिसकने नहीं देंगे- मुनिश्री
उज्जैन। सरकार जिन मंदिर को तोड़ रही है, यह कैसा न्याय है, क्योंकि रक्षक ही भक्षक बन जाए तो लोग किसकी शरण में जाएं।
मुनि श्री सुप्रभ सागर जी महाराज ने श्री सीमंधर जिनालय क्षीरसागर में आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए उक्त बात कही। आपने कहा कि आज हमारे जिन मंदिर को सौंदर्यीकरण के नाम पर तोडऩे की बात कर रहे हैं यह उचित नहीं है। प्राचीन जैन मंदिर नयापुरा हमारे नगर की, हमारे समाज की धरोहर है और शासन-प्रशासन यदि उस पर तोडऩे की बात करेगा तो यह अहिंसक समाज जिसने अहिंसा के बल स्वतंत्रता दिलाई वह समाज शांत बैठने वाली नहीं है।
हम अपने घर की 10 फीट क्या और अधिक जगह दे सकते हैं लेकिन मंदिर की एक ईंट भी खिसकने नहीं देंगे। शासन-प्रशासन हमारी अहिंसक समाज की भावनाओं को समझे क्योकि नयापुरा जैन मंदिर लगभग 500 वर्ष प्राचीन जिनमंदिर है इसलिए शासन प्रशासन का भी दायित्व है कि हमारे इस प्राचीन पुरातत्व धरोहर की सुरक्षा करें। मुनि श्री ने सकल जैन समाज को जागृत होने की अपील की है कि आज हमारे धर्म, धर्म आयतनों पर जो संकट के बादल छाए हैं उसके लिए सकल समाज को एकजुट होने की आवश्यकता है।