लापता नाबालिग बेटी को तलाशने दर-दर मत्था टेक रही बेबस मॉं!
नीलगंगा थाना पुलिस उवाच: चिंता मत कर, तेरी बेटी आ जाएगी शादी करके
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैनसाहब, मेरी बेटी 29 मई से लापता है। नाबालिग है। देख लो उसका आधार कार्ड। जब से गई है, कभी-कभी ऑनलाइन दिखाई देती है। जिस लड़के पर हमारा शक है, वह 30 मई से लापता है। हमने तो गुमशुदगी दर्ज करवा दी, उस लड़के के घर वाले पुलिस थाने भी नहीं जा रहे। नीलगंगा थाने के चक्कर लगाकर हम थक गए। वहां ताना मारकर भगा देते हैं। कहते हैं- चिंता मत कर, तेरी बेटी आ जाएगी शादी करके। बताओ अब मैं कहां जाऊं……?
यह कहना है एक मां का, जो अपनी बेटी के साथ कुछ घट न जाए, इस चिंता में न खाती है, न पीती है, बस रोए जाती है। जहां भी उसे आशा की किरण नजर आती है, उस दरवाजे पर मत्था टेकने पहुंच जाती है। पैर छुने के बाद हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाती है। आंखों से आंसू नहीं थमते। वह रोते-रोते कहती है-बस बेटी एक बार मेरी आंखों के सामने आ जाए। यदि वह कह देगी कि सुखी है तो कभी पीछे मुड़कर नहीं देखूंगी। लेकिन पता तो चले कि वह किस हाल में है..?
कोमल मदद की गुहार लेकर क्षेत्र के जे.के. तेजवानी के पास पहुंची। उन्होंने अक्षरविश्व आकर सारा मामला बताया। हमसे कोमल और नेहा ने जो चर्चा की,उस अनुसार- गांधी नगर में ललित कुलपारे रहते हैं। वे ढोल बजाने का काम करते हैं। उनकी पत्नी कोमल घरों में बर्तन साफ करने तथा झाडू-पोंछा करने का काम करती है। बेटे की आस में 6 बेटियों का जन्म हो गया। चार बेटियों का विवाह हो गया।
पांचवी बेटी नेहा अपनी सबसे छोटी नाबालिग बहन को ढूंढने के लिए मां के साथ दर-दर भटक रही है। चर्चा में नेहा कहती है-29 मई की सुबह वह एक जोड़ कपड़े पहनकर घर से निकली, तो वापस नहीं आई। उसका मोबाइल फोन बंद आ रहा। बीच-बीच में उसका व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम अपडेट होता है तो उस पर भोपाल शहर के फोटो लोड रहते हैं।
न वह दिखती है और न ही वह युवक दिखाई देता है, जिस पर परिवार को शंका हैै। नेहा के अनुसार उसके जीजा मंडीदीप, भोपाल में रहते हैं। उनके पहचान के लड़के अशोक लोधी से उसकी नाबालिग बहन (नाबालिग होने के कारण नाम प्रकाशित नहीं किया जा रहा है) का परिचय हुआ। अशोक एक पैर से दिव्यांग है ओर आंखों में भी खराबी है। उसने क्या जादू किया पता नहीं, लेकिन हमे पूरी शंका है कि वह उसी के साथ लापता है।
नेहा के अनुसार- हमें नीलगंगा थाने की एसआई हेमलताजी ने कहा कि टेक्सी का इंतजाम करो, भोपाल में जहां बता रहे हो, चलते हैं। हमने अशोक लोधी के उसके किराए के मकान मण्डीदीप और निवास स्थान सांची में जाकर उसे ढूंढा। परिजनों ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि वह कहां है।
मण्डीदीप में जिस मकान में वह किराए पर रहता था, उसके मकान मालिक ने कहा कि महीनों से किराया नहीं दिया अशोक ने। कुछ दिन पहले आया था और सामान बेग में रखकर चला गया। उसका बाकी सामान कमरे में ही रखा है। हम भी परेशान है कि वह आए तो कमरा खाली करवाएं। नेहा ने आरोप लगाया कि इसके बाद एसआई हेमलता ने भी रूचि लेना बंद कर दी। कोमल के अनुसार वह नेहा के साथ आईजी कार्यालय आवेदन देकर गई। उसके बाद एसपी सचिन शर्मा को कार्यालय जाकर आवेदन दिया।
ज्ञापन देंगे : पार्षद प्रतिनिधि
इस संबंध में पार्षद प्रतिनिधि गोपाल बलवानी ने कहा कि हमारे मोहल्ले की नाबालिग इतने दिन से गायब है। पुलिस कुछ नहीं कर रही है। हम मोहल्ले के लोग सोमवार दोपहर एसपी को ज्ञापन देकर मांग करेंगे कि जिस पर शक है, उसके परिवार को पूछताछ के लिए लाया जाए। सायबर सेल की मदद से मोबाइल नम्बर की लोकेशन ली जाए। यदि लड़की के साथ कोई अनहोनी हो गई होगी, तो कौन जिम्मेदार होगा?
इनका कहना है
नाबालिग लड़की की बरामदगी के लिए शासकीय वाहन का ही उपयोग किया जाता है। नीलगंगा थाना पुलिस को गरीब परिवार से टेक्सी की व्यवस्था नहीं करवाना थी। यह गलत बात है। जिस पर शंका है, उस परिवार से पुन: पुछताछ करना चाहिए।
नीलगंगा थाना प्रभारी तरूण कुरील के अनुसार लड़की को ढंूढने टीम भेजी थी। जिस पर शक है, वह लड़का भी गायब है। इस प्रश्न पर कि उसकी ऑनलाइन स्थिति कभी-कभी आती है। लड़का अपना मोबाइल स्वीच ऑफ कर चुका है। क्या आपने लोकेशन सायबर सेल से ली? उन्होंने कहा कि सीडीआर मंगवाते हैं। देखो क्या पता चलता है।
अक्षरविश्व ने एसआई हेमलता से बात करना चाही। उनके मोबाइल फोन पर रिंग जाती रही। कॉल रिसिव नहीं किया।