उज्जैन। भेराजी ने जिस परंपरा को स्थापित किया वह आज भी अक्षुण बनी हुई है। भेराजी सम्मान समूची लोक संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है।
यह विचार मालवा लोक कला एवं संस्कृति संस्थान द्वारा कालिदास अकादमी में आयोजित 36वें भेराजी सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. रामराजेश मिश्र ने व्यक्त किये।
सारस्वत अतिथि साहित्यकार सदाशिव कौतुक थे। अध्यक्षता विवि के कुलानुशासक डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा ने की। समारोह में साहित्यकार वेद हिमांशु, इंदौर एवं लोकप्रिय लोक गायक रामचंद्र गांगोलिया को भेराजी सम्मान से सम्मानित किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोक गायन कालूराम बामनिया एवं साथियों ने किया।
मालवी लोक नृत्य की प्रस्तुति प्रतिभा संगीत कला संस्थान ने की। नृत्य निर्देशन डॉ. प्रतिभा रघुवंशी ने किया था। जयवी व्यास द्वारा लोक नृत्य प्रस्तुत किया गया। स्वागत भाषण संस्था के संरक्षक श्रीराम दवे ने दिया। संचालन डॉ. हरीशकुमार सिंह ने किया। आभार प्रदर्शन जयेश कैलाश भेराजी ने किया।