उज्जैन।शहर के विभिन्न वार्डों में प्रस्तावित सड़क, नाली, शौचालय निर्माण आदि के टेंडर लेने के बाद भी काम नहीं करने वाले ठेकेदारों पर नगरीय प्रशासन ने सख्त नियम बना दिए हैं।
अब काम समय पर पूरा नहीं होता या एग्रीमेंट के अनुसार काम नहीं होता है तो ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। खास बात यह है कि यदि कोई ठेकेदार एक बार ब्लैक लिस्ट हो गया तो नगरीय निकायों में भी उसे कोई काम नहीं मिलेगा।
बता दें कि उज्जैन नगर निगम में 300 से ज्यादा ठेकेदार रजिस्टर्ड है लेकिन वर्तमान में केवल 133 ठेकेदार ही सक्रिय है, लेकिन अब इन ठेकेदारों पर सख्ती होने वाली है।
नगरीय प्रशासन ने इसको लेकर सख्त नियम बना दिए हैं कि यदि कोई ठेकेदार एक बार ब्लैक लिस्ट हो गया तो उसे नगरीय निकायों में भी उसे कोई काम नहीं मिलेगा। टेंडर बुलाने के बाद ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों की सूची देखी जाएगी। यदि कोई वहां ब्लैक लिस्ट मिला तो उसे नगरीय विकास विभाग में भी ब्लैक लिस्ट माना जाएगा। उसकी निविदा रद्द कर दी जाएगी।
अफसरों को निगरानी का कहा
विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने प्रदेश की सभी निकायों के अफसरों को निर्देश देते हुए कहा है कि अब ठेकेदारों के काम करने के बाद यदि काम की क्वालिटी में खराब मिलती है या काम समय पर पूरा नहीं होता या एग्रीमेंट के अनुसार काम नहीं होता है, तो ऐसी स्थिति में ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किया जाए।
गुणवत्ता और समयसीमा की निगरानी प्रभारी इंजीनियर, आयुक्त या निकाय के अधिकारियों की होगी। संभाग स्तर पर एसई और ईई भी मॉनिटरिंग करेंगे। इसी तरह टेंडर के दौरान एसओआर से 10 प्रतिशत से कम पर कोई टेंडर डालता है तो अतिरिक्त सुरक्षा राशि जमा कराई जाएगी।