विक्रम संवत 2080 के आगमन पर छाया शहर में उल्लास
शंख ध्वनि के साथ सूर्य की पहली किरण को अर्घ्य…..
अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन। विक्रम संवत 2080 का आरंभ हुआ। इसके साथ ही चैत्र नवरात्रि भी आज से शुरू हुई। वर्षप्रतिपदा, हिंदू नववर्ष, गुड़ी पड़वा को आज उज्जैन गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।
नवसंत्सर पर बुधवार सुबह शिप्रा तट पर शंख ध्वनि के बीच सूर्य की पहली किरण को अर्घ्य दिया गया। आज नववर्ष का उत्साह छाया हुआ है। शाम तक शहर में अनेक आयोजन होंगे। शाम को शिप्रा तट पर प्रख्यात गायक शान गीतों की प्रस्तुति देंगे। वर्ष प्रतिपदा पर उज्जैन का गौरव दिवस मनाया जा रहा हैं।
गुड़ी पड़वा पर रामघाट पर प्रात: सूर्य की पहली किरण को अध्र्य दिया। शंख वादन किया गया, वहीं वैदिक विद्वानों ने संवत्सर मंत्रों का पाठ किया। गुड़ी पड़वा के शुभ अवसर पर शहर के प्रमुख स्थलों पर शहरवासियों को मंगल तिलक लगाकर गुड़, धनिया एवं नीम की पत्ती खिलाकर नववर्ष की शुभकामनाएं दी गई।
घरों पर गुड़ी
महाराष्ट्रीयन परिवारों में गुड़ी पड़वा का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। घर की छत पर गुड़ी बांधीं गई। इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के व्यंजन के साथ ही खासतौर पर श्रीखंड पूरण पोली बनाई गई।
पूरे नौ दिन होगी देवी की आराधना
चैत्र नवरात्र को लेकर शहर के देवी मंदिरों में विशेष साज-सज्जा की गई है। इस बार तिथियों की घट-बढ़ नहीं होने के कारण पूरे नौ दिनों तक देवी की आराधना होगी। शुक्ल और ब्रह्म योग में शुरू हो रहे नवरात्र में देवी की पूजा विशेष फलदायी रहेगी। ज्योतिष की माने तो यह सभी के लिए सुखद और सर्व सिद्धिप्रद रहेगा।
उज्जैन का जन्मदिन इस दिन
गुड़ी पड़वा (वर्ष प्रतिपदा) पर आज उज्जैन का जन्मदिन है। महाशिवरात्रि पर्व 2022 को आयोजित शिव ज्योति अर्पणम् कार्यक्रम प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रतिवर्ष नवसंत्सर/वर्ष प्रतिपदा पर उज्जैन का जन्मदिवस उज्जैन गौरव के रूप में मनाने की घोषणा की थी।
बता दें कि सीएम की भावना को ध्यान में रखकर शासन द्वारा उज्जैन का जन्मदिन गुड़ी पड़वा के दिन मनाने का निर्णय लिया गया। गुड़ी पड़वा विक्रम संवत के अनुसार हिंदू नववर्ष रहता है। विक्रम संवत की स्थापना भी उज्जैन से ही हुई थी। लिहाजा यह दिन उज्जैन के जन्मदिन के रूप में रखा गया था।