Wednesday, October 4, 2023
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विधवा मां के दुर्घटना में घायल इकलौते बेटे की मौत

परिजनों ने लगाया इलाज में लापरवाही का आरोप, पीएम में होगा खुलासा

उज्जैन।ग्राम रूई में रहने वाला युवक 28 जनवरी को बाइक से उज्जैन आते समय एक्टिवा से टक्कर लगने के बाद घायल हो गया था जिसे परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया। गुरूवार को उस युवक की मृत्यु हो गई। उसके परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है जिसका खुलासा पीएम रिपोर्ट आने के बाद होगा।

धीरज सिंह पिता कर्ण सिंह पंवार 22 वर्ष निवासी ग्राम रई 28 जनवरी को अपनी बाइक से पिपलीनाका में रहने वाली मौसी के घर आ रहा था तभी रूई से कुछ आगे एक्टिवा से बाइक की भिड़ंत हो गई।

धीरज को परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ.संजय राणा ने धीरज का उपचार किया। पैर की हड्डी टूटने और चोंट होने पर उसे दो दिन भर्ती रखा और 30 जनवरी को अस्प्ताल से छुट्टी कर दी। परिजन धीरज को घर ले गये। गुरूवार शाम उसकी हालत बिगड़ी तो परिजन फिर जिला अस्पताल लेकर आये जहां परीक्षण के बाद डॉक्टर ने धीरज को मृत घोषित कर दिया। भेरूगढ़ पुलिस ने मर्ग कायम कर शव का पीएम कराया है।

यह है परिजनों का आरोप

धीरज के परिजन समंदर सिंह पंवार, तूफान ने बताया कि उसके पिता की पांच वर्ष पहले एक्सीडेंट में ही मृत्यु हो गई थी। वह विधवा मां का इकलौता सहारा था। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया तभी से कुछ खाया नहीं था और पानी पिलाने पर उल्टियां कर रहा था। डॉ. राणा ने दूसरे डॉक्टर से उपचार या सलाह की बात परिजनों से नहीं की। धीरज को संभवत: अंदरूनी चोंटे थीं लेकिन डॉ. राणा ने सिर्फ पैर की हड्डी का उपचार कर उसे घर भेज दिया।

यह है डॉ. राणा का जवाब

धीरज को घायल हालत में परिजनों ने अस्प्ताल में भर्ती कराया था। उसके पैर में मामूली क्रेक था और चोंट भी लगी थी। प्लास्टर कर उसका उपचार किया। दो दिन भर्ती रखने के बाद उसकी छुट्टी की थी, लेकिन परिजनों ने उसकी अन्य परेशानियों के बारे में नहीं बताया। बाद में वह ड्रेसिंग कराने आये थे तब धीरज द्वारा खाना नहीं खाने व उल्टियां करने की शिकायत की थी। वह चाहते तो उसे अस्पताल में भर्ती कर दूसरे डॉक्टर से उपचार करा सकते थे। अस्पताल 24 घंटे खुला रहता है।

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