उज्जैन। डॉ. आम्बेडकर के आदर्श समाज की कल्पना का मूल सूत्र सामाजिक प्रजातंत्र की स्थापना है। इस सामाजिक प्रजातंत्र के रूप में उनके समाज की परिकल्पना में भारत के प्रत्येक नागरिक को विचार अभिव्यक्ति, शिक्षा व आत्मविकास, आजीविका चुनाव की स्वतंत्रता है। यह विचार राज्यमंत्री, उपाध्यक्ष, मप्र जन अभियान परिषद विभाष उपाध्याय ने डॉ. आंबेडकर पीठ द्वारा आयोजित बाबा साहेब डॉ. बीआर आंबेडकर के 66वें महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ. आंबेडकर स्मृति व्याख्यानमाला में वर्तमान परिवेश में आंबेडकरवाद एक सामाजिक दस्तावेज विषय पर व्यक्त किए।
अतिथि नीलेश सोलंकी प्रांत संगठन मंत्री, मालवा प्रांत, सलाहकार समिति सदस्य डॉ. प्रेमलता चुटेल, कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडे, प्रभारी आचार्य डॉ. एस.के. मिश्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन शोध अधिकारी डॉ. निवेदिता वर्मा ने किया।