Wednesday, October 4, 2023
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शहर में चलने वाले 4% वाहन प्रदूषण फैला रहे

हवा की चिंता: एमपी पीसीबी की साल 2022 की रिपोर्ट

अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन। मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदेश के 10 बड़े शहरों में वाहनों से हो रहे प्रदूषण का अध्ययन कर जांच रिपोर्ट पेश की है। इसमें उज्जैन की स्थिति भी अच्छी नहीं मानी जा सकती है। बोर्ड ने उज्जैन में करीब 300 से ज्यादा वाहनों की जांच कर प्रदूषण का स्तर देखा तो इसमें 4 प्रतिशत वाहन ऐसे निकले जिनमें धुएं का लेवल निर्धारित मानक से ज्यादा मिला।

प्रदूषण बोर्ड ने प्रदेश के 10 रोजनल ऑफिस वाले शहरों में वाहनों के प्रदूषण की जांच की। जांच के लिए उज्जैन के साथ ही इंदौर, भोपाल, मंडीदीप, सतना, सागर, शहडोल, छिंदवाड़ा, कटनी और रीवा में अभियान चलाया गया। इसमें उज्जैन शहर के 379 डीजल और पेट्रोल दोनों तरह के वाहनों की जांच की गई। इनमें से 17 वाहनों में लिमिट से अधिक प्रदूषण पाया गया। खास बात यह है कि डीजल वाहन सबसे अधिक प्रदूषण फैला रहे हैं। इनमें चार पहिया वाहन सबसे ज्यादा प्रदूषण फैला रहे है

यह हैं प्रमुख चुनौतियां…

प्लानिंग का अभाव

प्रदूषण विभाग के पास शहर में एक्यूआइ कम करने के लिए कोई विशेष प्लान नहीं है। वर्षाकाल में यह स्वत: कम हो जाता है और ठंड में बढ़ जाता है। गर्मी में एक्यूआइ बढऩे का दोष पराली जलाने और हवा के कम या तेज गति से चलने को दे दिया जाता है।

पुराने वाहनों की संख्या

शहर में डीजल वाहनों पर रोक नहीं है। 15 साल पुराने वाहन भी आसानी से चल रहे हैं। वे काफी धुआं छोड़ते हैं, जिससे वायु प्रदूषण होता है। वाहनों का फिटनेस भी मैन्युअल हो रहा है।

पीयूसी की सख्ती नहीं

वाहन चलाने के लिए पाल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) प्रमाणपत्र कई राज्यों में अनिवार्य है, लेकिन उज्जैन में ऐसी कोई अनिवार्यता नहीं है। यहां तो एआइसीटीएसएल की बसें भी धुआं उड़ाती चल रही है।

उद्योगों पर नियत्रंण नहीं

शहर के उद्योगों की मनमानी जारी है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी लापरवाही कर रहे हैं। कई उद्योगों से वायु प्रदूषण हो रहा है, लेकिन बोर्ड कार्रवाई नहीं करता है।

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