शांति नगर में बरसात से अशांति बोट के जरिये लोगों को निकाला

रह-रहकर वर्षा का दौर जारी, शहर के कई इलाकों में पानी ही पानी,

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500से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंंचाया

शांति नगर में बरसात से अशांति बोट के जरिये लोगों को निकाला

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:भारी बारिश के कारण उज्जैन में कई इलाके जलमग्न हो गए, शांति नगर, एकता नगर और सुदर्शन नगर में तो हालात ऐसे बिगड़े की यहां बोट चलानी पड़ी। शांति नगर में बारिश का पानी मकानों की दूसरी मंजिल तक पहुंच गया। लोगों के बर्तन पानी में तैरने लगे। दो दिन में शांति नगर सहित आसपास के इलाकों से ५०० से अधिक लोगों को बोट के जरिये निकाला गया है।

इन्हें सुरक्षित स्थान के साथ-साथ परिजनों के वहां रवाना किया गया। बारिश से शहर के कई निचले इलाकों में पानी भर गया। कई जगह पर घुटने तक और कई जगह 5 फ़ीट तक पानी भर गया जिससे वहां रहने वाले लोग घरों में फंस गए। होमगार्ड और एसडीईआरएफ के जवानों ने बोट के जरिए लोगों को बाहर निकाला। इस प्रकार शनिवार की शाम को शिप्रा किनारे स्थित बम्बई वालों की धर्मशाला में बाढ़ के पानी के कारण फंसे ३५ से अधिक श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकालकर राहत शिविर तक पहुंचाया।

48 घंटे से उज्जैन दक्षिण की कॉलोनियों-गांवों की बत्ती गुल

पंथपिपलाई विद्युत वितरण केंद्र से जुड़े कई गांव और कॉलोनियों में 48 घंटे से अधिक का समय बत्ती गुल है। हजारों लोगों को बिजली की समस्या से दिक्कत में है और कोई इनकी सुध लेने वाला नहीं है। विद्युत कंपनी के अफसरों के फोन बंद है। आउटसोर्स कर्मचारी,लाइनमेन के कोई पत्ते नहीं है। शहर से करीब 14 किमी दूर शिकायत करने जाने के बाद केंद्र पर कोई नहीं मिलता है।

इंदौर रोड, देवास रोड, चिंतामण बायपास सहित इनसे जुड़े गांवों और कॉलोनियेां में शनिवार से वोल्टेज का उतार-चढ़ाव बना हुआ था। इसके चलते घरों के विद्युत उपकरण खराब हुए। इसके बाद कई इलाकों में बिजली ऐसी गुल हुई कि दोपहर तक नहीं लौटी। नतीजतन लोगों के दैनिक कार्य प्रभावित हुए। परेशानी के लिए पंथपिपलई केंद्र के सहायक यंत्री गौरव माझी और कार्यपालन यंत्री ग्रामीण अमरीशचंद्र सेठ से संपर्क किया तो उनके मोबाइल बंद थे। क्षेत्र के लाइनमैन और आउटसोर्स कर्मचारियों के कोई पते नहीं थे।

शिप्रा ने किया नृसिंह घाट को पार

इंदौर और आसपास के इलाकों में हो रही भारी वर्षा से शिप्रा नदी अपने उच्चतम स्तर पर बह रही है। बडऩगर रोड स्थित बड़े पुल के बाद अब नदी का पानी नृसिंह घाट पुल के ऊपर आ गया है। वहीं नृसिंह घाट को पार करते हुए यह पानी मुख्य मार्ग पर पहुंच गया है। यह स्थिति वर्षों बाद बनी है। इसके अलावा नदी चिंतामण बायपास पुल के कुछ ही नीचे बह रही है।

घरों में पानी, सड़कों पर लोग, जागकर गुजारी रात

शांति नगर में घरों की छत पर चढ़कर लोगों ने जान बचाई। यहां घरों में 8 फीट तक पानी भर गया। एनडीआरएफ की टीम ने शांतिनगर क्षेत्र से 250 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। इसके अलावा 300 से ज्यादा लोग घर की छतों पर चढ़े हुए हैं। शनिवार सुबह 9 बजे यहां नाले में बाढ़ आई और तेजी से पानी घरों में घूसने लगा। कुछ लोग सुबह काम पर निकल गए थे बारिश तेज होने पर जब वे दोपहर में वापस आए तो घर जाने का रास्ता बंद हो गया था।

यहां रहने वाली लीलाबाई पति रजनीकांत भालेराव और पुष्पा शेखावत ने बताया कि कल दोपहर से वे घर से बाहर हैं। उनकी बहन रेखा सांखला और पड़ोसी राजेश वर्मा परिवार सहित रिश्तेदारों के घर चले गए। भालेराव ने बताया कि यहां लोगों को पूरी रात हो गई है भोजन के पैकेट आए थे लेकिन कुछ लोगों तक भोजन भी नहीं पहुुंच पाया। लोगों को चिंता यह है कि घर का सामान, टीवी, फ्रीज लकड़ी के दीवान और जरूरी कागजात बारिश के पानी में पूरी तरह डूब चुके होंगे।

गंभीर के पांच गेट से पानी की निकासी

सतत वर्षा के कारण गंभीर डेम में पानी की आवक जारी है। डेम के वाटर लेवल को मेंटेन करने के लिए पांच गेट को खुला रखा गया है। गंभीर डेम कंट्रोल रूम की जानकारी के अनुसार डेम के गेट एक को 1 मीटर,गेट 2 को 7:40 मीटर,गेट 3 को 7:40  मीटर,गेट 4 को 4 मीटर और गेट नंबर 6 को 1 मीटर तक खोलकर वाटर लेवल 2150 एमसीएफटी पर मेंटेन किया जा रहा है।

पानी में फंसे लोगों को राहत नहीं

बडऩगर रोड स्थित मुल्लापुरा रोड और हनुमान गढ़ी क्षेत्र के कई लोग बरसात के पानी में फंसे हुए है। दो दिन में प्रशासन की कोई राहत इन तक नहीं पहुंची है। प्रभावितों ने बताया कि आसपास के आश्रम,धर्मस्थल और धर्मशाला वाले शरण नहीं दे रहें है। सामान पानी में बह चुका है और भोजन-पानी के इंतजाम नहीं है।

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