Sunday, October 1, 2023
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शिप्रा के रामघाट तक पहुंचा कान्ह नदी का दूषित पानी, इसी में पूरे माह श्रद्धालु करेंगे स्नान

वैशाख मास में शिप्रा स्नान से विशेष पुण्य फल मिलता है

अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन।गुरुवार से वैशाख मास की शुरुआत हो गई है। ज्योतिष मत अनुसार वैशाख मास के दौरान शिप्रा व तीर्थ स्थानों पर स्नान से विशेष पुण्य फल मिलता है। इधर त्रिवेणी पर मिट्टी का पाला टूटने के बाद कान्ह नदी का दूषित पानी रामघाट तक पहुंचने लगा है।

ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार गुरुवार से वैशाख मास आरंभ हो गया है। शास्त्रोक्त मान्यता अनुसार संपूर्ण वैशाख माह में शिप्रा तथा तीर्थ स्थानों पर स्नान और दान पुण्य का विशेष महत्व बताया गया है। वैशाख मास के आरंभ से आगामी 5 मई तक तीर्थ स्थानों का पूरे मास स्नान चलता रहेगा। इस अवधि में शिप्रा स्नान करने से श्रद्धालुओं को विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होगी। वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि से पंचकोशी यात्रा का भी आरंभ हो जाएगा।

पहले साफ था अब काला हो गया पानी

पिछले सप्ताह त्रिवेणी संगम क्षेत्र में कान्ह नदी ओवरफ्लो हो गई थी। शिप्रा में यह पानी मिलने से रोकने के लिए मिट्टी का पाला बनाया गया था। परंतु समीप है सड़क निर्माण कार्य के चलते मिट्टी के पाले को तोड़ दिया गया था। तभी से का नदी का दूषित पानी त्रिवेणी के घाटों से होकर गऊघाट बैराज तक पहुंच गया था। पिछले 3 दिनों से यही दूषित पानी गऊघाट से होता हुआ रामघाट तक पहुंच रहा है है। जबकि गुरुवार से वैशाख मास के स्नान प्रारंभ हो गए हैं।

अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

स्नान पर्व के चलते करीब दो माह पहले शिप्रा मेें नर्मदा का साफ पानी छोड़ा गया था। कान्ह नदी के दूषित जल से बचाने के लिए त्रिवेणी पर मिट्टी का बांध भी बनाया गया था। इसके टूटने के बाद जल संसाधन विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा। गर्मी के दिनों में गत वर्ष गंभीर के साथ शिप्रा के जल को मिलाकर जल प्रदाय हुआ था।

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