Friday, September 29, 2023
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शिप्रा में सुधार की उम्मीद जागी, मिलेगी गंदे पानी से मुक्ति!

अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन।शिप्रा का पानी प्रदूषित और गंदा करने में सबसे बड़ा कारण कान्ह नाले से बहकर आने वाले इंदौर के गंदे पानी का है। कान्ह का पानी शिप्रा में मिलने से रोकने के लिए तमाम योजना लागू कर करोड़ों रुपए खर्च किए गए हंै, लेकिन शिप्रा को गंदगी से ‘मोक्ष’ नहीं मिल पाया है।

कान्ह को डायवर्ट करने के लिए क्लोज डक्ट यानी अंडर ग्राउंड नहर की योजना के साथ नमामि गंगे मिशन के तहत इंदौर में बनने वाले तीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को हरी झंडी मिल गई है। इससे शिप्रा नदी की सेहत में सुधार की उम्मीद जागी है।

अधिकारिक सूत्रों के अनुसार केंद्र शासन ने नमामि गंगे मिशन के तहत इंदौर की कान्ह और एक अन्य नदी को स्वच्छ बनाने के लिए 511 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है। इस राशि से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाए जाएंगे। इनकी कुल क्षमता 240 एमएलडी होगी।

तीनों एसटीपी के आसपास 13 से 15 किमी रियूज नेटवर्क भी रहेगा। यानी पानी को साफ कर वापस नदियों में डाला जाएगा। ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण करने वाली कंपनी को ही इन प्लांट का 15 वर्षों तक रखरखाव भी करना होगा। गौरतलब है कि नगर निगम के दल ने पिछले दिनों नमामि गंगे मिशन के अंतर्गत दिल्ली में इस संबंध में अपना प्रजेंटेशन दिया था।

कान्ह के लिए तीनों सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को हरी झंडी

अधिकारिक सूत्रों के अनुसार केंद्र शासन ने नमामि गंगे मिशन के तहत इंदौर की कान्ह और एक अन्य नदी को स्वच्छ बनाने के लिए 511 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है। इस राशि से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाए जाएंगे। इनकी कुल क्षमता 240 एमएलडी होगी। तीनों एसटीपी के आसपास 13 से 15 किमी रियूज नेटवर्क भी रहेगा।

यानी पानी को साफ कर वापस नदियों में डाला जाएगा। ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण करने वाली कंपनी को ही इन प्लांट का 15 वर्षों तक रखरखाव भी करना होगा। गौरतलब है कि नगर निगम के दल ने पिछले दिनों नमामि गंगे मिशन के अंतर्गत दिल्ली में इस संबंध में अपना प्रजेंटेशन दिया था।

दल ने एसटीपी के लिए किया था निरीक्षण

नमामि गंगे मिशन के तहत इंदौर में बनने वाले तीनों सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को हरी झंडी मिल गई है। केंद्र के दल ने एसटीपी के लिए चिह्नित जगह का निरीक्षण किया था। इन एसटीपी के स्थापित होने के बाद निश्चित ही कान्ह और सरस्वती नदी की सेहत में सुधार और इसका लाभ शिप्रा को होगा। अब केंद्र 511 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले तीन एसटीपी के लिए टेंडर जारी कर एजेंसी तय करेगा। एसटीपी को हरी झंडी मिलने के बाद अब जल्द ही केंद्र शासन निर्माण एजेंसी तय करेगा। मिशन के तहत भुगतान सीधे एजेंसी को होगा। काम की निगरानी भी केंद्र ही करेगा। उम्मीद है कि अगले वित्त वर्ष में तीनों एसटीपी का काम शुरू हो जाएगा।

क्लोज डक्ट का काम भी जल्द प्रारंभ होगा

बता दें कि कान्ह को डायवर्शन के लिए क्लोज डक्ट यानी अंडर ग्राउंड नहर के लिए टेंडर आमंत्रित कर लिए गए हैं। सिंहस्थ 2028 की तैयारी की दृष्टि से यह पहला बड़ा प्रोजेक्ट होगा, जिस पर जल्द काम शुरू होने जा रहा है। उम्मीद है कि 6 महीने के भीतर इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू होगा और दो वर्ष में पूरा भी हो जाएगा। दावा यही कि नहर के जरिए खान के गंदे पानी को शिप्रा में मिलने से रोकते हुए उसे डायवर्ट किया जा सकेगा। 6 दिसंबर 2022 को मंत्री परिषद ने प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी।

विशेषज्ञों ने तैयार की डिजाइन…..
क्लोज डक्ट के लिए टेंडर आमंत्रित कर लिए गए हैं। उम्मीद हैं कि 6 महीने के भीतर इसका काम शुरू हो जाएगा। इसकी डिजाइन भोपाल के तकनीकी विशेषज्ञों ने ही तैयार की है। –कमल कुवाल,कार्यपालन अधिकारी जल संसाधन विभाग उज्जैन

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