संयम यात्रा : सलोनी रथ पर सवार होकर सांसारिक वस्तुओं का त्याग करने निकली
खाराकुंआ स्थित श्री हीर विजय सूरी बड़ा उपाश्रय मंदिर से सुबह निकला वर्षीदान वरघोड़ा….
अक्षरविश्व प्रतिनिधि .उज्जैन।सलोनी की संयम यात्रा के चौथे दिन मंगलवार सुबह खाराकुंआ स्थित श्री हीर विजय सूरी बड़ा उपाश्रय मंदिर से वर्षी दान वरघोड़ा निकला। इसमें दीक्षार्थी सलोनी भंडारी रथ पर सवार होकर सांसारिक सुखों का त्याग करने निकली।
इसके प्रतिकात्मक स्वरूप सलोनी मार्ग में सांसारिक वस्तुओं को लुटाती चल रही थी। आज शाम को विदाई का कार्यक्रम होगा और कल वे दीक्षा विधि में संन्यास ग्रहण करेंगी। सलोनी की संयम यात्रा समारोह के अंतर्गत आज मंगलवार सुबह 9.30 बजे खाराकुंआ स्थित श्री हीर विजय सूरी बड़ा उपाश्रय मंदिर से वर्षी दान वरघोड़ा निकला।
वरघोड़े से पहले सलोनी भंडारी ने मंदिर पहुंचकर भगवान की पूजा अर्चना की। इसके बाद उन्होंने मंदिर में मौजूद सभी जैन संत और साध्वियों के चरण छूकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद वे रथ पर सवार हुई। चल समारोह के दौरान रथ पर बैठी सलोनी सांसारिक वस्तुओं के त्याग स्वरूप विभिन्न सामग्रियां लुटाती चल रही थीं।
चल समारोह में बड़ी संख्या में समाज के महिला, पुरुष शामिल थे। खाराकुंआ से आरंभ होकर वरघोड़ा नमक मंडी, छोटा सराफा, सतीगेट, निजातपुरा, कोयला फाटक होते हुए सभी साधु साध्वी की निश्रा में अरविंद नगर विरती मंडप पहुंचा। इसके उपरांत यहां परिसर में स्वामी वात्सल्य का आयोजन हुआ।
कल ग्रहण करेंगी दीक्षा
मंगलवार शाम 7.30 बजे से विदाई कार्यक्रम बदलते रिश्ते सलोनी के का आयोजन होगा। वहीं 3 मई सुबह 8.30 बजे से मुख्य दीक्षा विधि आरंभ होगी। हजारों समाजजनों के साक्षी में नरेंद्र टॉकीज क्षेत्र निवासी ज्वेलरी व्यवसायी विमल भंडारी एवं पूजा भंडारी की एमबीए शिक्षित 25 वर्षीय सलोनी भंडारी सलोनी सांसारिक सुखों का त्याग कर साध्वी दीक्षा ग्रहण करेंगी और सभी सांसारिक रीति रिवाज से दूर हो जायेंगी। संगीत प्रस्तुति के साथ उसका विदाई कार्यक्रम होगा। दीक्षा के बाद सलोनी गुरुजनों के साथ इंदौर विहार करेंगी।