फूलझडिय़ों से रोशन महाकाल का दरबार, अन्नकूट का भोग
राजाधिराज महाकाल के आंगन में परंपरागत तरीके से सबसे पहले दीपावली पव्र मनाया गया। दीप और फूलझंडियों से रोशन भगवान महाकाल का दरबार दीप और फूलझडिय़ों से रोशन हो गया। अन्नकुट लगाया गया।महाकालेश्वर मंदिर में गुरुवार को सुबह रूप चतुर्दशी मनाई गई। शाम को दीपावली के दीपकों से मंदिर परिसर जगमगाएगा। त्योहारों की शुरुआत सबसे पहले महाकालेश्वर से होती है। तिथियों के कारण गुरुवार तड़के चतुर्दशी होने से भगवान महाकालेश्वर को पुजारी परिवार की महिलाएं द्वारा अभ्यंग स्नान कराया गया। भगवान को चंदन-केशर का उबटन लगाया।
रूप चौदस से भगवान महाकाल के शीत ऋतु में गर्म जल से स्नान कराने की शुरुआत हो गई। भगवान का फाल्गुन पूर्णिमा तक गर्म जल से ही स्नान होगा। भस्मआरती में पुजारी परिवार द्वारा भगवान को अन्नकूट के 56 भोग लगाया। इसके बाद पुजारी परिवारों द्वारा भगवान के दर्शन और अन्नकूट अर्पित करने के साथ मंदिर परिसर में आतिशबाजी कर दीपावली मनाई गई। इधर गुरुवार को सांध्य आरती के दौरान पूरे मंदिर परिसर में दीपक लगाए जाएंगे। भगवान को आरती में धानी का भोग लगेगा। शगुन की फूलझडिय़ां छोड़ी जाएंगी।
चिंतामण गणेश का चोला शृंगार…
शहर के सभी प्राचीन मंदिरों में दीपोत्सव मनाया गया। देवी हरसिद्धि, मंगलनाथ, सिद्धवट, कालभैरव, चिंतामण गणेश सहित अन्य मंदिरों में दीपक लगाए जाएंगे। अन्नकूट लगेंगे। भक्तों द्वारा आतिशबाजी की जाएगी। शक्तिपीठ हरसिद्धि में दीपमालिका प्रज्जवलित की जाएगी। नई पेठ स्थित महालक्ष्मी मंदिर में देवी के अनुष्ठान होंगे। शृंगार पूजन आरती की जाएगी। दीपावली के एक दिन के बुधवार को प्राचीन चिंतामण गणेश का आकर्षक शृंगार किया। पुजारी शंकर गुरु ने बताया गुरुवार को तड़के गन्ने के रस से विशेष अभिषेक पूजन के बाद चोला शृंगार कर छप्पन भोग लगाया गया।