Friday, September 22, 2023
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सभी कलेक्टर्स को गृह मंत्रालय के निर्देश

फर्शी-गर्डर,सीमेंट-कांक्रीट से बंद कुएं, बावड़ी, बोरवेल को पाटा जाए

उज्जैन। इंदौर के बेलेश्वर मंदिर में हादसे के बाद फर्शी-गर्डर, सीमेंट-कांक्रीट से बंद कुएं, बावड़ी, बोरवेल का सर्वे कर उन्हें पाटने का काम किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव गृह ने सभी कलेक्टर्स को इस संबंध में निर्देश देकर २० दिन में कार्रवाई करने को कहा है।

गृह मंत्रालय के अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों के ऐसे बोरवेल, जिनकी केसिंग पाईप निकाल ली जाती है, मिट्टी धंसक जाने से खतरनाक हो जाते हैं। ऐसे बोरवेल में बच्चों के गिर जाने की घटनाएं हुई हैं। इसी प्रकार कुंओं और बावडियों पर फर्शी-गर्डर, सीमेंट-कांक्रीट के निर्माण कर लिए जाते हैं  इनके धंसकने की घटनाएं हुई है। घटनाओं में आपदा प्रबंधन की आकस्मिक स्थिति भी निर्मित होने के साथ जनहानि भी हुई है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाना आवश्यक है।

सर्वे के लिए 30 दिन का समय

कलेक्टर्स को नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों में बिना केसिंग के खुले बोरवेल तथा ऐसे कुएं-बावडिय़ों, जिन्हें गर्डर-फर्शी, सीमेंट-कांक्रीट से बंद किया गया हो, उनका 30 दिन में सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। जनहानि से बचाव के लिये खुले बोरवेल अथवा कुएं, बावडिय़ों को सूचीबद्ध करने और ऐसी संरचनाओं को पूरी तरह पाटने की कार्यवाही करने के निर्देश जारी किये हैं।

नहीं तो मालिक पर होगी कार्रवाई

निर्धारित 30 दिन की समयावधि में सर्वे कार्य पूरा नहीं होने पर संबंधित नगरीय निकाय एवं ग्राम पंचायत को संबंधित अनुविभागीय दंडाधिकारी (एसडीएम) को लिखित में सूचना देगी। एसडीएम इस प्रकार के खुले बोरवेल और बावडिय़ों से अवैध निर्माण को विधिवत हटा कर पाटने की कार्यवाही नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों से सुनिश्चित कराएंगे। इस कार्य में होने वाले व्यय की संपूर्ण राशि भू-स्वामी से वसूल की जाएगी। पालन नहीं किये जाने पर नियामानुसार आपराधिक एवं प्रतिबंधात्मक कार्यवाही होगी।

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