8.4 लाख सुझाव मिले समान नागरिक संहिता पर…
अक्षरविश्व न्यूज . नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समान नागरिक संहिता का मुद्दा उठाने के एक दिन बाद जनता दल यूनाइटेड (जदयू) व आम आदमी पार्टी (आप) ने इसे सशर्त सैद्धांतिक समर्थन देने की घोषणा की। दोनों पार्टियों ने इसके लिए आम सहमति बनाने की शर्त लगाई है। वहीं, मुस्लिम उलमाओं के संगठन जमीयत-उलमा-ए-हिंद ने इस मामले में राजनीति की जगह चर्चा की बात पर बल दिया है। ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने संहिता का कड़ा विरोध करने की घोषणा की है। बोर्ड ने आपात बैठक में विधि आयोग के सामने अपनी बात रखने का फैसला किया।
नियाजी का दिन में समर्थन रात में बोले-विधि आयोग को प्रभावित कर रहे प्रधानमंत्री मोदी
जमीअत-उलमा-ए-हिंद के सचिव नियाज अहमद फारुकी ने यूसीसी पर उलटबांसी दिखाई। दिन में एक टीवी चैनल से उन्होंने कहा, यूसीसी लाने का यही सही समय है। दुनिया के 80 देशों में यह लागू है, इसके बावजूद वहां धार्मिक स्वतंत्रता है। उन्होंने कहा कि जमीयत ने तीन तलाक खत्म करने का भी समर्थन किया था। हालांकि फारुकी रात में पलट गए और पीएम पर विधि आयोग को प्रभावित करने व लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। फारुकी ने कहा, आयोग अभी लोगों से राय ले रहा है।