Saturday, June 10, 2023
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सांसद नहीं पहुंचे, बगैर अध्यक्षता के कालिदास समारोह का समापन

व्यस्तताओं का दिया हवाला, विद्वान और कला समीक्षक नाराज

उज्जैन। अभा कालिदास को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के की चर्चा के बीच 2021  का समापन बगैर कार्यक्रम की अध्यक्षता के हो गया। विद्वानों और कलाकारों का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि समापन समारोह बगैर अध्यक्ष के हुआ हो। इसके बाद बुद्धिजीवी और विद्वान नाराज थे पर खुलकर कोई कुछ बोल नहीं रहे हैं। सात दिवसीय अखिल भारतीय कालिदास समारोह का समापन रविवार को पं. सूर्यनारायण व्यास संकुल में हो गया। मुख्य अतिथ उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव थे। सारस्वत अतिथि रामानुज कोट के स्वामी माधव प्रपन्नाचार्य जी महाराज थे।

विधायक बहादुर सिंह चौहान, श्रीपाद जोशी भी मंचासीन थे। अतिथियों द्वारा महाकवि कालिदास और पंडित सूर्यनारायण व्यास के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित और माल्यार्पण किया। समापन सांसद अनिल फिरोजिया की अध्यक्षता में होना था,लेकिन किन्हीं कारणों के चलते सांसद कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। कला समीक्षकों ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है कि समापन समारोह बगैर अध्यक्ष के संपन्न हुआ हो। मुख्य अतिथि प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य ने अपना साम्राज्य उज्जैन से रोम तक स्थापित किया था। महाकवि कालिदास उनके ही नवरत्नों में से एक थे। हम कालिदास समारोह को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाने की कोशिश करेंगे।

कार्यक्रम में भोपाल के संस्कृत बैंड ध्रुवा ने शास्त्रीय संगीत प्रस्तुत किया। सिंधु प्रवाह अकादमी के सिंधी नाटक साधु सुंदरी का मंचन हुआ। कंप्लीट साइंस ऑफ स्ट्रेस मैनेजमेंट नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। राष्ट्रीय कालिदास चित्र एवं मूर्तिकला प्रदर्शनी-2021 के विजेता पुरी ओडिशा के चित्रकार विप्रचरण मुदुली, बंगाल के हावड़ा के सायन चंद्र, जयपुर राजस्थान की डा. शकुंतला महावर, जयपुर के ही देवेंद्र शर्मा और मूर्ति शिल्पकार बैतूल मध्यप्रदेश के बलदेव वाघमारे को सम्मानित किया गया।

सम्मान स्वरूप इन्हें एक-एक लाख रुपये शाल, श्रीफल और स्मृति चि- प्रदान किए गए। अतिथियों का स्वागत अकादमी के प्रभारी निदेशक डॉ. संतोष पंड्या ने किया। संचालन विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र शर्मा ने किया। कार्यक्रम में विक्रम विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रोफेसर एचपीसिंह, प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा, कालिदास अकादमी के प्रभारी निदेशक डॉ. संतोष पंड्या और उपनिदेशक डॉ. योगेश्वरी फिरोजिया भी मौजूद थे।

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