Wednesday, October 4, 2023
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सावधान… मौसम के बदलते मिजाज से बच्चे हो रहे बीमार

सावधान… मौसम के बदलते मिजाज से बच्चे  हो रहे बीमार

सर्दी, खांसी, वायरल बुखार के 86 बच्चे भर्ती

चरक के तीनों वार्ड और एनआईसीयू फुल, नया वार्ड खोलने की तैयारी….

अक्षरविश्व प्रतिनिधि .उज्जैन।टेम्प्रेचर फ्लक्चुएशन का सबसे अधिक असर बच्चों पर वायरल बीमारी के रूप में पड़ रहा है। स्थिति यह है कि सरकारी चरक अस्पताल के तीनों वार्ड और गहन चिकित्सा इकाई फुल हो चुकी है। डॉक्टर्स का कहना है कि यदि इसी स्पीड से बीमार बच्चों की संख्या बढ़ी तो नया वार्ड भी खोलना पड़ेगा।

चरक अस्पताल की प्रथम मंजिल पर नवजात शिशु एवं बच्चों के उपचार हेतु तीन जनरल वार्ड और एक शिशु गहन चिकित्सा इकाई है। सोमवार सुबह तीनों वार्डों में कुल 74 बच्चे व गहन चिकित्सा इकाई में 12 बच्चे भर्ती होकर उपचार करा रहे थे। इनमें अधिकांश बच्चों को सर्दी, खांसी, बुखार, मसल्स पेन की शिकायत थी। कुछ बच्चों की हालत गंभीर होने पर उन्हें एनआईसीयू में उपचार दिया जा रहा है।

बच्चों के परिजनों ने बताया कि एक-दो दिन तक बुखार में आराम नहीं पडऩे के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। वार्डों में पदस्थ स्टाफ ने बताया कि बच्चों के उपचार के लिये वर्तमान में तीन वार्ड हैं जो फुल हो चुके हैं। दिन में यदि बीमार बच्चों की संख्या बढ़ती है तो अतिरिक्त वार्ड खोलना पड़ेगा।

सावधानी ही बचाव का उपाय

चरक अस्पताल में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. ए.के. मित्तल ने बताया कि वातावरण में हो रहे बदलाव के कारण बड़ी संख्या में बच्चे बीमार हो रहे हैं, लगातार बुखार बने रहने के कारण उन्हें भर्ती कर उपचार करना पड़ रहा है। सुबह शाम गर्म कपड़े पहनने के अलावा संतुलित आहार लेने से ही बीमारी से बचा जा सकता है।

प्रायवेट अस्पतालों में भी बढ़े मरीज

वायरल फीवर और सर्दी, खांसी के मरीजों की संख्या प्रायवेट अस्पतालों में भी बढ़ी है। डॉक्टर्स बताते हैं कि मौसम में आ रहे बदलाव के कारण बड़ी संख्या में लोग बीमार हो रहे हैं। खास बात यह कि खांसी की समस्या 15 दिनों तक भी ठीक नहीं हो रही है।

जिला अस्पताल के एक्सरे विभाग के ताले नहीं खुले

रेडियोलॉजिस्ट और रेडियोग्राफर्स की हड़ताल मरीज वापस लौटे…

उज्जैन। स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ रेडियोलॉजिस्ट और रेडियोग्राफर्स की हड़ताल के कारण सुबह जिला अस्पताल के एक्सरे विभाग के ताले नहीं खुले जिस कारण मरीजों को वापस लौटना पड़ा। जिला अस्पताल में साधारण और डिजिटल एक्सरे की सुविधा है।

यहां पर एक रेडियोलॉजिस्ट, एक सीनियर रेडियोग्राफर और 7 रेडियोग्राफर पदस्थ हैं। सुबह 8 बजे खुलने वाला एक्सरे विभाग के सुबह ताले नहीं खुले।

रेडियोग्राफर्स की प्र्रदेश व्यापी हड़ताल होने के कारण उक्त कर्मचारी काम पर ही नहीं पहुंचे इस कारण न तो मरीजों का एक्सरे हुआ और न ही एक दिन पहले एक्सरे करा चुके मरीजों को रिपोर्ट मिल पाई। हड़ताल पूर्व निर्धारित होने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीजों की सुविधा के लिये कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की और यहां एक्सरे कराने आए लोग ताला लगा देखकर वापस लौट गये।

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