सिरदर्द और बुखार से है परेशान तो रोज सुबह खाली पेट पिएं यह पानी

सिरदर्द और बुखार एक आम समस्या है। खासकर, मौसम बदलने पर यह समस्या बहुत अधिक परेशान करती है। जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोरी होती है, उन्हें बुखार जल्दी आ जाता है। सिरदर्द के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें स्ट्रेस और पेट की गैस भी शामिल हैं।

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इस तरह की परेशानियों को दूर करने के लिए हमारे घरों में कई नुस्खों का इस्तेमाल होता आया है, जिसे एक्सपर्ट भी सटीक मानते हैं। बुखार, सिरदर्द, अपच और भी कई तरह की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए किचेन में मौजूद एक खास मसाले का पानी बहुत कारगर माना जाता है।

हम यहां धनिये के पानी की बात कर रहे हैं। सिरदर्द और बुखार से बचने के लिए इसे कैसे लेना है, आयुर्वेद के अनुसार कैसे तैयार करें धनिये का पानी? आयुर्वेद में धनिये के बीजों के पानी को धन्यक हिमा कहा जाता है। हिमा का मतलब आयुर्वेद में कोल्ड इंफ्यूजन होता है। यानी की इसके अनुसार, धनिये के पानी को आपको उबालना नहीं है।

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धनिये के बीजों को 6 गुने पानी के साथ रातभर भिगो दें और अगली सुबह इसे छानकर पी लें। आपको जो लिक्विड मिलेगा, इसे ही हिमा कहा जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, अगर आप इस पानी की उबालती हैं, तो हीट से इसके गुण कमजोर हो जाते हैं। इसलिए आपको इसे बिना उबाले ही पानी है।

बुखार में धनिये के पानी आयुर्वेद के अनुसार, बुखार को कम करने के लिए आपको धनिये के पानी का सेवन करना चाहिए। धनिया के पत्ते और बीजों में फाइटोन्यूट्रिएंट्स प्रापर्टीज पाई जाती हैं, ये बुखार को कम करने और इससे बचाने में मदद करती हैं।

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सिर्फ धनिये का पानी ही नहीं, बल्कि इसका लेप भी सिर पर लगाने से सिरदर्द दूर हो सकता है। धनिये के पानी के अन्य फायदे अगर आपको प्यास अधिक लगती है, तो धनिये का पानी इसे शांत करने में मदद कर सकता है।

इसके अलावा बर्निंग सेंसेशन, अपच, बुखार, इंफेक्शन को भी यह दूर करता है। इतना ही नहीं, धनिये का पानी शरीर की दुर्गंध से भी राहत देता है।

इससे डायबिटीज और कोलेस्ट्रोल लेवल भी कंट्रोल में रहता है।

यह मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त करता है।

थायरॉयड लेवल को कंट्रोल करने के लिए इसका सेवन करें।

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