सुबह आस्था-श्रद्धा का स्नान, शाम को शिव भक्ति का उल्लास, सोमतीर्थ पर लगे फव्वारें
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:सोमवार 17 जुलाई को सोमवती-हरियाली अमावस्या, भगवान महाकालेश्वर की दूसरी सवारी का संयोग है। सुबह सोमतीर्थ-शिप्रा नदी में आस्था-श्रद्धा से स्नान के बाद पूजन-अनुष्ठान होगा। शाम को भगवान महाकालेश्वर की सवारी में शिवभक्ति का उल्लास नजर आएगा।
श्रावण माह में सोमवती अमावस्या पर हजारों श्रद्धालु सोमतीर्थ और शिप्रा में डुबकी लगाकर बाबा महाकाल के दर्शन करेगें। इस बार 57 वर्ष बाद सोमवती हरियाली अमावस्या का संयोग बना है। १7 जुलाई को भगवान महाकालेश्वर की दूसरी सवारी निकलेगी। इसी दिन सोमवती हरियाली अमावस्या का संयोग भी है। लिहाजा बड़ी संख्या में दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु सोमतीर्थ और शिप्रा नदी में स्नान के लिए पहुंचेगें।
वहीं महाकालेश्वर की सवारी के भगवान के दर्शन लाभ भी लेगें। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सोमतीर्थ कुंड पर फव्वारें लगाएं है। शिप्रा नदी का जल स्तर बढ़ा हुआ है। नदी का पानी छोटी रपट से ऊपर बह रहा था। सोमवार को नदी का पानी घाट से ऊपर पर रहने की स्थिति में प्रशासन सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन नदी में स्नान पर प्रतिबंध लगा सकता है। हालांकि अभी कोई निर्णय नही हुआ है। प्रशासन के लिए अमावस्या पर्व और महाकाल की सवारी पर भीड़ प्रबंधन करना चुनौतीपूर्ण होगा।
सिद्धवट और घाट पर तर्पण
शनिवार को चौदस होने पर अनेक श्रद्धालुओं ने सिद्धवट पहुंच कर तर्पण किया। भैरवगढ़ स्थित सिद्धवट पर भगवान को दूध अर्पण करने वालों का तांता लगा रहा। गयाकोठा में भी श्रद्धालुओं की भीड़ रही। रामघाट के अलावा भी अन्य घाटों पर लोगों ने पितृओं की शांति के लिए तर्पण कार्य किया।