Friday, September 22, 2023
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सोमवती अमावस्या: मोक्षदायिनी शिप्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी…

सोमवती अमावस्या: मोक्षदायिनी शिप्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी…

महाशिवरात्रि के बाद एक बार फिर आस्था का मेला…

मंदिरों में भी दर्शनार्थियों की लगी कतार

अक्षरविश्व प्रतिनिधि .उज्जैन। विशेष संयोग में आई फाल्गुन मास की सोमवती अमावस्या पर सोमवार सुबह से ही श्रद्धालु मोक्षदायिनी शिप्रा और सोमकुंड में स्नान कर रहे हैं। महाशिवरात्रि पर्व के बाद एक बार फिर महाकाल की नगरी में आस्थावानों का मेला शिप्रा तट पर लगा हुआ हैं। स्नान के बाद दान-पुण्य और मंदिरों में दर्शन पूजन कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा भी विशेष इंतजाम किए गए हैं।

ज्योतिषियों के अनुसार 30 साल बाद कुंभ राशि के चंद्र, शनि और सूर्य की साक्षी में सोमवती अमावस्या आई है। इस दिन शिप्रा व सोमकुंड में स्नान तथा सोमतीर्थ स्थित सोमेश्वर महादेव के पूजन का विधान है। मान्यता है ऐसा करने से मनुष्य को अवश्वमेघ यज्ञ करने के समान पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इसी के चलते सोमवार सुबह से ही हजारों श्रद्धालु शिप्रा के रामघाट, दत्त अखाड़ा सहित अन्य घाटों पर स्नान कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा भी पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। स्नान के बाद दान पुण्य किया जा रहा है। मंदिरों में दर्शनार्थियों का तांता लगा हुआ है। रविवार से ही ग्रामीण अंचल से श्रद्धालु बड़ी संख्या में महाकाल की नगरी में आने लगे थे। रेलवे स्टेशन और बस स्टैण्ड पर भी भीड़ है। कई लोग निजी वाहनों से उज्जैन पहुंचे है। इस कारण आज भी कई पार्किंग फुल हो गई है।

कर्कराज सहित अन्य पार्किंग आज भी फुल

कई श्रद्धालुओं ने रात शिप्रा के घाट पर ही बिताई और अल सुबह से ही नदी में स्नान शुरू हो गया। इधर बाहर से बड़ी संख्या में लोग निजी वाहनों से भी आए हैं। इस कारण कर्कराज सहित अन्य पार्किंग आज भी फुल हैं।

पीपल के पेड़ की परिक्रमा की महिलाओं ने

शिप्रा और सोमतीर्थ पर स्नान के बाद महिलाओं ने भगवान सोमेश्वर महादेव का पूजन किया। इसके पश्चात पीपल वृक्ष की परिक्रमा की। पति की लंबी उम्र और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की गई। अन्य अमावस्या की तुलना में सोमवती अमावस्या का अधिक महत्व है।

सोमकुंड पर व्यवस्था अच्छी, मगर श्रद्धालु कम

स्कंद पुराण के अवंतिका खंड में सोमेश्वर तीर्थकुंड का विशेष उल्लेख है। प्रशासन द्वारा सोमकुंड पर भी व्यवस्था बेहतर की गई है यहां पर सुबह तक कम ही श्रद्धालु पहुंचे थे। श्रद्धालुओं के स्नान के लिए फव्वारे भी लगाए गए हैं। यहां पर पांच बेड का अस्पताल भी बनाया गया है। वहीं पीने के पानी के लिए टंकी रखी गई हैं। पुलिस फोर्स भी लगा हुआ है।

नृसिंहघाट से दर्शनार्थी पहुंच रहे महाकाल मंदिर

महाशिवरात्रि पर प्रशासन द्वारा नृसिंहघाट से चारधाम और महालोक होकर महाकाल मंदिर दर्शन की व्यवस्था की गई थी। सोमवती अमावस्या को देखते हुए इस व्यवस्था को यथावत रखा गया है। सोमवार को भी सुबह से ही नृसिंहघाट से ही दर्शन के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं। सुबह ११ बजे तक ५० हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन कर लिए थे और लंबी कतार लगी हुई थी।

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