Monday, December 4, 2023
Homeउज्जैन समाचारस्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी, रोशनी देने में फिसड्डी

स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी, रोशनी देने में फिसड्डी

स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी, रोशनी देने में फिसड्डी

शहर में फैला ‘अंधेरा’ भारी पड़ रहा, उपकरणों की कमी से ठीक नहीं हो रही स्ट्रीट लाइटें…

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी जुटा नगर निगम शहर की सड़कों को रोशन करने में फिसड्डी साबित हो रहा है। अनेक इलाके की सड़के कई-कई दिनों अंधेरे में डूबी हुई है। खास बात यह कि सर्वेक्षण के पब्लिक फीड बैक में निगम सेवा से संतुष्टि का पाइंट है। ऐसे यह सर्वेक्षण में लोगों के समर्थन उम्मीद कैसे की जा सकती है।

तमाम कवायदों के बावजूद नगर निगम पूरी स्ट्रीट लाइटों को चालू नहीं करा पा रहा है, क्योंकि कंपनी द्वारा इन्हें ठीक करने के लिए उपकरणों की सप्लाई नहीं कर रही है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत निजी कंपनी द्वारा बदली गई शहर की स्ट्रीट लाइट के मेंटेनेंस और ऑपरेटिंग में कंपनी की कार्यप्रणाली ठीक नहीं होने शहर की तमाम सड़कों पर अंधकार रहता है। पार्षद भी शिकायतें सुन-सुन कर तंग आ गए है।

न संसाधन है और ना ही कोई सुनवाई हो रही है। शहर के प्रशासनिक सेक्टर से लेकर कई प्रमुख क्षेत्रों की स्ट्रीट लाइट्स बंद है,तो आम क्षेत्रों कैसी स्थिति होगी यह अनुमान लगाया जा सकता है स्मार्ट सिटी द्वारा शहर में 24,557 स्ट्रीट लाइटें लगाई हैं। इसकी जिम्मेदारी एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) को दी गई थी। इइएसएल ने बजाज कंपनी की ये लाइटें लगाई हैं, जिनमें लगातार ड्राइवर और एसपीडी (सर्ज प्रोटेक्शन डिवाइस) खराब होने की समस्या सामने आ रही है। इसका नतीजा यह है कि जितनी लाइटें ठीक नहीं हो पा रही हैं, उससे अधिक खराब हो रही हैं।

अनुबंध के अनुसार काम नहीं

स्ट्रीट लाइट बदलने के लिए उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी का ईईएसएल कंपनी से अनुबंध शहर को भारी पड़ रहा है। ईईएसएल कंपनी की कार्यप्रणाली संतोषजनक नहीं है। उसके द्वारा लगाए गए उपकरण बार-बार खराब हो रहे हैं। नगर निगम के कर्मचारियों के पास बहाना है कि ईईएसएल कंपनी ने स्ट्रीट लाइट के मेंटेनेंस और ऑपरेटिंग को पूरी तरह से अपने हाथ में नहीं लिया है। संसाधन भी नहीं है। नगर निगम का विद्युत विभाग मेंटेनेंस और ऑपरेटिंग का काम नहीं कर पा रहा है। ईईएसएल कंपनी लापरवाही से काम कर रही है। कंपनी शर्तों के अनुसार काम करने में असफल है।

जिम्मेदारों से नहीं संपर्क

स्ट्रीट लाइट के मामले में ईईएसएल कंपनी की की कार्यप्रणाली और स्मार्ट सिटी- नगर निगम की लापरवाही को लेकर नगर निगम आयुक्त रोशनसिंह कुमार सिंह और स्मार्ट सिटी के सीईओ आशीष कुमार पाठक से कई बार संपर्क किया गया, लेकिन उनसे चर्चा नहीं हो सकी। वहीं नगर निगम के कई पार्षदों का कहना है कि निगम में जनहित के कामों को लेकर प्रशासनिक नियंत्रण ही नहीं रहा है। पानी, बिजली और सफाई की समस्या से लोग परेशान है।

ईईएसएल कंपनी की कार्यप्रणाली और लापरवाही का खामियाजा शहर को भूगतना पड़ रहा है। इसकी शिकायत भी की है। स्ट्रीट लाइट का उचित तरीके से मेंटेनेंस करने के लिए कंपनी को बाध्य करने के लिए जल्द ही उचित निर्णय लेकर कार्रवाई की जाएगी। रजत मेहता, नगर निगम एमआईसी के सदस्य विद्युत एवं यांत्रिकी समिति प्रभारी।

प्रोजेक्ट पर एक नजर
उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी ने ईईएसएल कंपनी से शहर में अधिक रोशनी और कम बिजली खपत वाली 24,557 एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने का मेमोरंडम आफ अंडरस्टेंडिंग (एमओयू) साइन किया था।
इसके तहत 36,48,96वॉट की लाईट और सोडियम वेपर लैंप को निकालकर एलईडी का उपयोग करना था।
इसका संचालन भी नगर निगम नहीं स्मार्ट सिटी का कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से होना था।
स्ट्रीट लाइट चालू और बंद करने के लिए ऑटोमेटिक स्विच सीसीएमएस लगाने थे।
ईईएसएल कंपनी 21 करोड़ रुपए लेगी। सभी लाइट का सात साल तक मेंटेनेंस भी करेगी। यानी कोई खराब हुई तो उसे बदलेगी भी।
शहर के सड़कों से बदली गई सभी स्ट्रीट लाइट ईईएसएल कंपनी को दी गई थी। जो उस समय अनुबंध के आधार पर कबाड़े में बेच दी।

जरूर पढ़ें

मोस्ट पॉपुलर