हे राम! बहुत दु:खद दृश्य है ये…
महाकाल लोक की घटना के बाद चर्चा में मप्र के सूचना आयुक्त का ट्विट
लिखा, ये लक्षण शुभ नहीं हैं… ईश्वर कभी क्षमा नहीं करेगा
अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन महाकाल महालोक में आंधी से सप्तऋषियों की मूर्तियां गिरने से प्रदेश की राजनीति में जो तूफान आया है, वह थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस राजनीतिक तूफान में शिवराज सरकार कांग्रेस के विरोध के कारण परेशान है, लेकिन अब ये परेशानी इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि मध्यप्रदेश के ही सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने ट्विट कर लिखा कि ‘ हे राम, बड़ा दु:खद दृश्य है ये।
उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर ये भी लिखा है कि ये लक्षण शुभ नहीं हैं…ईश्वर कभी क्षमा नहीं करेगा। इस देश के दुर्भाग्य का अंत नहीं। उदयपुर में हजार साल पुराना महल मलबे से निकलकर अपनी बुलंदी बता रहा है और उज्जैन में ये अभी बने! कौन इनका निर्माता है, कौन अभियंता और कौन नियंता! बहुत दुखद दृश्य है! हे राम!’ इस ट्विट के साथ उनका गहरा दर्द बाहर निकल आया है। सूचना आयुक्त तिवारी वरिष्ठ पत्रकार भी हैं। 2018 में बीजेपी सरकार ने उन्हें सूचना आयुक्त नियुक्त किया था।
कांग्रेस ने कहा उनकी पीड़ा जायज…
इस मामले को भुना रही कांग्रेस ने इस ट्विट को भी हाथोंहाथ लिया है। कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने लिखा है कि ‘मध्य प्रदेश के सूचना आयुक्त की यह पीड़ा जायज़ है, क्योंकि मंत्री ने तो बिना जाँच के ही क्लीन चिट दे दी है। जाहिर सी बात है..जब सरकार के सूचना आयुक्त कोई बात कहते हैं तो उसका गंभीर अर्थ होता है।
मंगलवार को ही नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविंद सिंह ने भी इस मामले में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। इस कारण नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह को मोर्चा संभालना पड़ा। उन्हें कहना पड़ा कि ये सारे आरोप निराधार हैं। उन्होने कहा कि महाकाल लोक का सारा काम गुणवत्ता के अनुसार हुआ है और एजेंसी के साथ तीन साल का मेंटेनेंस कॉन्ट्रेक्ट है और इन मूर्तियों को फिर से स्थापित करने का काम एजेंसी द्वारा किया जाएगा।
जानिए विजय मनोहर तिवारी के बारे में…
पेशे से पत्रकार हैं और मध्य प्रदेश के सागर जि़ले के मंडीबामौरा में जन्म।
एसएसएल जैन पीजी कॉलेज, विदिशा से गणित में एम.एससी. प्रथम श्रेणी प्रथम
भोपाल से 1993 में पत्रकारिता स्नातक की उपाधि प्रथम श्रेणी में प्रथम
दो किताबें ‘हरसूद 30 जून’ और ‘प्रिय पाकिस्तान’ प्रकाशित।