अक्षरविश्व’ की प्रस्तुति ‘दिव्य कला’ में शहर के दिव्यांगों ने दिखाया हुनर….

श्री वाल्मीकि धाम के पीठाधीश्वर संत उमेशनाथ जी ने कहा- दिव्य शक्ति प्राप्त दिव्यांग बच्चों को सहानुभूति दया नहीं सहयोग, मार्गदर्शन की जरूरत…इसके लिए ‘अक्षरविश्व’ को साधुवाद…

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:अक्षरविश्व के अनूठे और सकारात्मक आयोजनों के श्रृंखला में एक अध्याय जुड़ गया। अक्षरविश्व द्वारा आयोजित दिव्य कला कार्यक्रम में शहर के विभिन्न क्षेत्रों के अपनी योग्यता और कला के बल पर आगे बढऩे वाले ८० से अधिक दिव्यांग को सम्मानित किया गया। इस मौके पर दिव्यांग बच्चों ने अपनी कला और हुनर की प्रस्तुति से सभी का मन जीत लिया।

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कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि श्री वाल्मीकि धाम के पीठाधीश्वर संत उमेशनाथ जी ने अपने आर्शीवचन में कहा कि दिव्य शक्ति प्राप्त दिव्यांग बच्चों को दया-सहानुभूति नहीं सहयोग और मार्गदर्शन की जरूरत है। ‘अक्षरविश्व’ ने इन बच्चों को कला के प्रदर्शन के लिए मंच प्रदान करने के साथ ही सम्मानित कर एक अनुठा और अभिनव कार्य किया है।

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इसके लिए प्रधान संपादक सुनील जैन और जैन परिवार के साथ उनकी टीम बधाई और साधुवाद के हकदार है। आमतौर पर विकलांगता को पूर्व जन्म के कर्मों से जोड़कर देखा जाता है और विकलांग व्यक्तियों को दया का पात्र समझा जाता है। संत उमेशनाथ जी ने कहा कि बनना है,तो किसी के दर्द की दवा बनो।

जख्म तो हर इंसान देता है। अपने लिए तो सभी जीते है,दूसरों के लिए भी जीए। यदि दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो कोई अवरोध आपकों रोक नहीं सकता है। दिव्यांगों के प्रति समाज के दृष्टिकोण को सकारात्मक बनाने की आवश्यकता है, तभी वे सामान्य जनों की तरह विकास की मुख्य धारा से जुड़कर समाज के निर्माण में सशक्त भूमिका निभाएंगे।

इस दिशा में दिव्य कला के आयोजन के माध्यम से ‘अक्षरविश्व’ ने शानदार पहल की है। दिव्यांगों के प्रति हमारा दायित्व है कि हम उन्हें स्वतन्त्र तथा आत्म-निर्भर जीवन व्यतीत करने में उनकी मदद करें। दिव्यांगों के प्रति समाज का नजरिया बदलने में ‘अक्षरविश्व’ का यह आयोजन मील का पत्थर साबित होगा।

‘अक्षरविश्व’ का दिव्यांग बच्चों की कला को निखारने में योगदारन

प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ.सतविंदर कौर सलूजा ने कहा कि वैसे तो दिव्यांग बच्चों को तराशने में संस्थाए,उनके प्रमुख और समन्वयक का योगदान तो महत्वपूर्ण है,लेकिन ‘अक्षरविश्व’ ने इस अद्भुत आयोजन को निखारने के लिए जो आयोजन किया,उसके लिए प्रधान संपादक सुनील जैन और परिवार के साथ पूरी टीम बधाई और प्रशंसा की हकदार है। समाज भी ‘अक्षरविश्व’ से प्रेरणा लेकर दिव्यांग बच्चों को प्रोत्साहन प्रदान करें।

कार्यक्रम के यह थे अतिथि

संत उमेशनाथ जी,डॉ.सतविंदर कौर सलूजा,कलावति यादव,मुकेश टटवाल,सरफराज कुरैशी थे।

अतिथि स्वागत -‘अक्षरविश्व’ प्रधान संपादक सुनील जैन,एवी न्यूज डायरेक्टर डॉ श्रुति जैन, ‘अक्षरविश्व’ प्रबंध संपादक श्रेय जैन,स्वीटी जैन के अलावा ललित ज्वेल,शैलेष व्यास,आदित्य खंडेलवाल,मुकेश पांचाल,दिनेश मालवीय,गौरव शर्मा,प्रिया शर्मा ने किया। ‘अक्षरविश्व’ प्रबंध संपादक श्रेय जैन ने स्वागत भाषण के साथ कार्यक्रम और ‘अक्षरविश्व’ के विभिन्न आयोजनों की जानकारी दी। संचालन अनामिका शर्मा ने किया।

संस्थाओं का सम्मान

दिव्यांग बच्चों का हौसला बढ़ाने, उनकी क्षमता और योग्यता को परख कर आगे बढ़ाने में सक्रिय व सेवा देने वाले स्कूल और संस्थाओं उनके समन्वयकों सम्मान किया गया। इसके अलावा आवर्तन संगीत अकादमी की अर्चना तिवारी,माधव तिवारी को सम्मानित किया गया।

इनकी रही शानदार प्रस्तुति

दिव्यकला के प्रारंभ में आवर्तन संगीत अकादमी बच्चों ने भगवान शिव और भगवान गणेश की आराधना प्रस्तुत की। इसके अलावा अंकितग्राम सेवाधाम आश्रम की ओर आरती,मनोविकास स्पेशल स्कूल देशभक्ति गायन,देशभक्ति डांस,फनी डांस ,अंकितग्राम सेवाधाम आश्रम (बॉयज-गल्र्स ग्रुप) एडवांस योग और कबीर नाट्य की प्रस्तुति दी गई।

यह थे दिव्य कला के प्रायोजक

दिव्यांग बच्चों का हौसला बढ़ाने, उनकी क्षमता और योग्यता को मंच प्रदान करने के उद्देश्य ‘अक्षरविश्वÓद्वारा आयोजित कार्यक्रम के प्रायोजक आर.के. डवलपर्स, श्रीगंगा, होटल सांई पैलेस, सहर्ष हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर,जज्बा सोशल फाउन्डेशन थे।

‘अक्षरविश्व’ की प्रस्तुति ‘दिव्य कला’ कार्यक्रम में शिरकत करने वाले सभी दिव्यांग बच्चों और उनके समन्वयकों को जज्बा सोशल फाउन्डेशन की ओर से स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।

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