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अनोखा मामला : हरकत आरटीओ विभाग की सफाई पुलिस को देनी पड़ी

करें कौन और भरे कौन…!, खंडन जारी किया, कार्रवाई नहीं की

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अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:आरटीओ विभाग के अधिकारियों की हरकत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल क्या हुआ, पुलिस को इसकी सफाई देना पड़ गई कि घटना का संबंध पुलिस से नहीं आररटीओ से है। मामले में पुलिस का खंडन तो आया, लेकिन पुलिस ने घटना पर कोई संज्ञान नहीं लिया। वाहन पर पुलिस के प्रतीक रंग में स्टीगर पर ‘पीÓ अंकित होने के बाद भी कार्रवाई नहीं की

 

पांच दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें दो लोग आरटीओ की नेम प्लेट वाली एक स्कार्पियो एमपी-13-टीए-6669 में सवार है। गाड़ी रोड के किनारे खड़ी है। दूसरी तरफ लोड ट्राले खड़े नजर आ रहे हंै। एक व्यक्ति की मोबाइल पर वीडियो बनाने के साथ आवाज आ रही है कि ‘देखिए उज्जैन आरटीओ को यह लोगों को वाहन चेक करने के लिए रोककर पैसे मांग रहे हैं।

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पैसे नहीं देने पर थप्पड़ चला रहे हैं।’रिकॉर्डिंग करने वाले का कहना है कि उसके ट्रक में सभी सामान नार्मल है फिर भी आरटीओं के लोग 15-15 हजार रु. मांग कर वाहन जप्त करने और बंद करने की धमकी दे रहे हैं। पिटाई और रुपए मांगने का आरोप लगाने वाले व्यक्ति ने गाड़ी के चारों तरफ घूमकर मोबाइल से वीडियो बनाया है।

इस वीडियो में गाड़ी के नंबर प्लेट, नेम प्लेट, मुंह छिपाता ड्राइवर,गाड़ी में बैठे दो लोग नजर आ रहे हैं। इनमें से एक वीडियो बनाने वाले से गुस्से में बात करते हुए कह रहा है ‘जा तेरे को जो करना है कर लें। बात कर लेते हंै..।’वीडियो बनाने वाले व्यक्ति का कहना था कि ‘आप तो थप्पड़ चलाओ…।’करीब 1.21 मिनट के फुटेज में गाड़ी के बाहर वर्दीधारक भी नजर आ रहे हंै।

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मैं भी शेर की औलाद हूं:फेसबुक पेज पर ‘ट्रांसपोर्ट टीवी’ पर ‘वर्दी वाले हो तो क्या? मैं भी शेर की औलाद हूं।’ शीर्षक से जारी पोस्ट में लिखा है कि वीडियो उज्जैन मप्र की है, जहां ड्राइवर के मुताबिक आरटीओ कर्मी ने उसके साथ मारपीट की और धमकाया भी।

जिम्मेदारों से संपर्क नहीं

मामले से जुडे दोनों विभाग से प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किया गया। उज्जैन एसपी सचिन शर्मा और आरटीओ संतोष मालवीय से मोबाइल पर संपर्क किया। दोनों ने ही कॉल अटैंड नहीं किए।

वाहन निजी और आरटीओ में अटैच

विवादों में जो स्कार्पियो वाहन एमपी-13टीए-6669 धीरज सैनी के नाम से है। यह निजी वाहन आरटीओ में अटैच है। यहां तक तो ठीक, लेकिन स्कार्पियो में यातायात के नियम का ही उल्लंघन है। नियम अनुसार टैक्सी परमिट के चार पहिया वाहन की नंबर प्लेट पीले रंग की और नंबर काले रंग के होने चाहिए। निजी वाहन पर किसी शासकीय विभाग का नाम, प्रतीक नहीं लगाया जा सकता है।

वाहन के कांच मप्र शासन के साथ ही लाल-नीले रंग पर सफेद रंग से ‘पी’ लिखा हुआ है। इस चिह्न से आमतौर पर वाहन को पुलिस विभाग से संबंधित माना जाता है। वाहन पर आरटीओ पदनाम की प्लेट भी लगी है। फिलहाल तो विधानसभा आचार संहिता लागू और चेकिंग से इनकार नहीं है, लेकिन सूत्रों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यह स्कार्पियो प्रतिदिन शहर के बाहरी मार्गों पर पर नजर आती है। इसमें सवार अधिकारी खासतौर पर ट्रक, ट्राले और लोडिंग वाहनों की चेकिंग करते नजर आ जाते हैं।

पुलिस ने कहा वीडियो आरटीओ का

फेसबुक पर उज्जैन एसपी पेज पर एक खंडन पोस्ट किया गया है। इसमें कहा गया कि फेसबुक पेज ट्रांसपोर्ट टीवी पर वर्दी वाले है तो क्या? केप्शन लिखा वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा है, जिसमें स्कार्पियो वाहन नं एमपी-13-टीए-6669 के अंदर सादे कपड़ों एवं वाहन के समीप वर्दी पहने जो व्यक्ति दिखाई दे रहे हंै, वो उज्जैन पुलिस से संबंधित नहीं है।

उज्जैन पुलिस द्वारा ऐसी कोई भी वाहन चेकिंग नही की जा रही है। उक्त वीडियो उज्जैन आरटीओ के द्वारा की जा रही चेकिंग से संबंधित होना पाया गया है और वर्दी वाले जो व्यक्ति दिखाई दे रहे हैं वो होमगार्ड सैनिक होना पाया गया है। उज्जैन पुलिस ट्रांसपोर्ट टीवी पर पोस्ट किये गये वीडियो का खंडन करती है।

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