अब उज्जैन और इंदौर के बीच रेल सफर पकड़ेगा रफ्तार

एक साल बाद वंदे मेट्रो ट्रेन व्हाया देवास से इंदौर और उज्जैन चलेगी
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उज्जैन से फतेहाबाद मेमू ट्रेन के होंगे चार फेरे
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन नए साल में उज्जैन और इंदौर का रेल सफर रफ्तार पकड़ सकता है। उज्जैन से फतेहाबाद चलने वाली मेमू ट्रेन के चार फेरे हो जाएंगे और रेलवे लाइन दोहरीकरण योजना में भी शामिल हो जाएगी। वंदे भारत मेट्रो ट्रेन को भी ग्रीन सिग्नल मिल चुका है। इंदौर से उज्जैन तक रीजल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आरआरटीएस) के तहत मेट्रो चलाने की योजना का प्रोजेक्ट भी जल्द रफ्तार पकड़ सकता है।
उज्जैन से फतेहाबाद चलने वाली मेमू ट्रेन अभी दो फेरे ही लगाती है। हालांकि अभी एक फेरे ही लगा रही है। लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन पर काम चलने के कारण यह एक फेरा ही लगा पा रही है। जल्द ही यह चार फेरे लगाएगी। उज्जैन और इंदौर के बीच वंदे भारत मेट्रो ट्रेन भी चलाने के लिए रेलवे तैयारी कर रहा है। सांसद अनिल फिरोजिया और इंदौर के सांसद शंकर लालवानी इसके लिए केंद्रीय रेल मंत्री से बात कर चुके हैं। अधिकारियों की मानें तो इस ट्रेन के चलने के बाद भी उज्जैन इंदौर मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट पर असर नहीं पड़ेगा।
मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने इंदौर के लवकुश चौराहे से उज्जैन महाकाल मंदिर तक करीब 44 किमी हिस्से में आरआरटीएस की योजना बनाई है। इसमें इंदौर से उज्जैन सिटी तक एलिवेटेड मेट्रो व उज्जैन सिटी में महाकाल मंदिर तक सघन बसाहट होने के कारण अंडर ग्राउंड मेट्रो की योजना है। इंदौर से उज्जैन तक मेट्रो चलाने के प्रोजेक्ट का दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन द्वारा सर्वे भी किया जा चुका है। 30 सितंबर को पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर में मेट्रो के ट्रायल रन के दौरान इंदौर से पीथमपुर व व उज्जैन तक मेट्रो चलाने की घोषणा की थी।
रेल मंत्रालय द्वारा वंदे मेट्रो ट्रेन की स्वीकृति के बाद अब मेट्रो रेल कार्पोरेशन लि. के इंदौर से उज्जैन के बीच आरआरटीएस प्रोजेक्ट पर असमंजस की स्थिति बताई जा रही थी, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि अभी मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट को उज्जैन तक लाने का काम भी जारी है। इंदौर से उज्जैन के बीच आठ कोच की वंदे मेट्रो ट्रेन पांच से छह फेरे लगाएगी। हालांकि अभी इसके चलने में एक साल का समय भी लग सकता है। यह इंदौर, देवास होकर उज्जैन तक चलेगी, लेकिन इसकी रफ्तार 130 किमी की होगी।
वंदे भारत और वंदे मेट्रो ट्रेन
वंदे भारत ट्रेन में 16 कोच होते हैं और यह लंबी दूरी के शहरों के बीच चलती है। वंदे मेट्रो ट्रेन वंदे भारत ट्रेन का कम दूरी का वजऱ्न है, जो 100 किमी से कम दूरी के शहरों के बीच चलाई जाती हैं। यह मेट्रो की तरह आठ कोच में चलेगी।
इसलिए बनी थी पसोपेश की स्थिति
- इंदौर से उज्जैन तक आरआरटीएस प्रोजेक्ट के तहत मेट्रो चलाने के लिए करीब सात हजार करोड़ रुपये खर्च करना होंगे।
- फतेहाबाद वाले रुट पर रेल दोहरीकरण का कार्य किया जा चुका है।
- यदि फतेहाबाद वाले रुट से वंदे मेट्रो ट्रेन को चलाया जाता है तो लोग कम समय में इंदौर से उज्जैन पहुंच सकेगे।
- रेलवे को इस रुट पर सिर्फ कोच के संचालन व रख-रखाव का ही खर्च करना होगा।
- अलग से इंफ्रास्ट्रक्चर की जरुरत नहीं होगी।
रेल मंत्री आएंगे उज्जैन स्थितियां होंगी साफ
लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव उज्जैन आएंगे। सांसद फिरोजिया ने मकोडिय़ाआम में बनने वाले प्रशिक्षण केंद्र के भूमिपूजन के लिए उज्जैन आमंत्रित किया है। उनके आने से कई स्थितियां साफ होंगी।
वंदे भारत मेट्रो ट्रेन का कार्यक्रम नहीं मिला है। उज्जैन से फतेहाबाद तक चलने वाली मेमू ट्रेन के फेरे चार करने का पत्र मिलने का इंतजार है। अभी यह एक फेरा ही लगा पा रही है।
संजय सक्सेना, स्टेशन
प्रबंधक उज्जैन










