अयोध्या। अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बन रहे मंदिर की नींव लगभग पूरी हो चुकी है। अब मंदिर में लगने वाले पत्थर, परकोटा और रिटेनिंग वॉल का निर्माण कार्य एक साथ किया जाएगा। लक्ष्य है कि 2023 तक भक्तों को गर्भगृह में रामलला के दर्शन होने लगे।
अगर एक साथ 5 लाख दर्शनार्थी भी मंदिर पहुंच जाएंगे तो भी उन्हें आसानी से दर्शन मिलेगा, कोई दिक्कत नहीं होगी। इन सब बातों पर अयोध्या में दो दिनों तक चली राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक में मंथन किया गया। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय के अनुसार दिसंबर 2023 तक गर्भगृह में रामलला के दर्शन शुरू हो जाएंगे। 44 लेयर में बनने वाली नींव का काम लगभग पूरा हो चुका है। इसके लिए 15 सितंबर डेडलाइन रखी गई थी। अब रामचबूतरा यानी प्लिंथ को ऊंचा करने का काम अक्टूबर के अंत तक शुरू कर देंगे। रामचबूतरा में मिर्जापुर के 4 लाख घनफुट पत्थरों का प्रयोग होगा।