उज्जैन। लचर यातायात व्यवस्था की वजह से स्कूली बच्चों को परेशान होना पड़ा। दरअसल यह परेशानी शनिवार दोपहर सामने आई और बच्चे तय समय से करीब डेढ़-दो घंटे देरी से घरों तक पहुंच सके…।
हर घर तिरंगा अभियान के तहत तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया था। करीब 4 किमी लंबी यह यात्रा चामुण्डा माता मंदिर चौराहे से गुजर रही थी तो यातायात बाधित हुआ जिसमें स्कूल बस को भी रोक दिया गया। यात्रा को यहां से निकलने में करीब आधा घंटा लगा। इस दौरान बच्चे बसों में परेशान होते रहे। जैसे ही रास्ता खुला, वाहनों में जल्दी और आगे निकलने की होड़ मच गई। इसी में एक कार एमपी-13- सीबी 4443स्कूल बस से टकरा गई। बस आगे बढ़ी और इंदौर गेट की तरफ चली गई, लगा कोई बड़ा विवाद नहीं हुआ मगर आगे तो कुछ और ही होना था…!
वीआईपी कारकेट के कारण रोका टै्रफिक: हरिफाटक से स्कूल की बस आगे बढ़कर शांति पैलेस चौराहे पर पहुंची थी कि पुलिस ने बस के साथ अन्य वाहनों को रोक दिया। दरअसल इस मार्ग से वीआईपी कारकेट निकलने वाला था। वीआईपी कारकेट के गुजरने के बाद यातायात खोला। इसमें 20 मिनट से अधिक का समय लग गया। कुल मिलाकर कल निर्मित हुई स्थिति से स्कूली बच्चों का सीधा कोई वास्ता नहीं था, फिर भी उन्हें परेशान होना पड़ा और बस में सवार सभी बच्चे तय समय से करीब डेढ़-दो घंटे देरी से घर तक पहुंचे।
कार चालक ने बस का पीछा किया
टक्कर में क्षतिग्रस्त कार के चालक ने बस का पीछा किया और हरिफाटक पुल से नीचे रानी लक्ष्मीबाई सर्कल के पास कार को आगे अड़ा कर बस को रोक लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कार चालक ने बस ड्रायवर को गाड़ी को थाने ले चलने को कहा। बस ड्रायवर ने कहा कि बच्चों को घर छोडऩे दो फिर थाने चलेंगे। तुम चाहो तो साथ चलो या बस का नंबर और मेरा मोबाइल नंबर ले लो…।
कार चालक मानने को तैयार नहीं था वह तो इस बात पर अड़ गया कि बस को थाने ले चल या फिर नुकसान की राशि दें। काफी बहस और विवाद के बाद तय किया कि बस ड्रायवर के पास 4 हजार रुपए थे, यह राशि, ड्रायवर का फोन नंबर, घर का पता और बस मालिक के ऑफिस पता लेकर जाने दिया। यह प्रकरण लगभग आधे से पौन घंटे तक चला और स्कूल बस में बैठे बच्चे परेशान होते रहे उन्हें यह पल्ले ही नहीं पड़ रहा था कि आखिर चल क्या रहा है? इस दौरान बच्चों के अभिभावक भी चिंता में रहे।