उज्जैन:कोई भी नहीं रहा महाकाल के दर्शनों से वंचित

प्री-बुकिंग नहीं कराने वालों को भी दिया मंदिर में प्रवेश,

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20 हजार से अधिक भक्त पहुंचे

उज्जैन।सुबह से बारिश, दर्शन की डेढ़ किमी लंबी कतार लेकिन महाकाल के भक्त नहीं डिगे। श्रावण के दूसरे सोमवार को महाकालेश्वर मंदिर के चारों तरफ केवल जय महाकाल की गूंज सुनाई दी। दोपहर तक २0 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने महाकाल को शीश नवाया। प्रशासन का दावा है कि प्रत्येक श्रद्धालु को आसानी दर्शन हुए।

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प्रशासन भीड़ के आगे फिर नतमस्तक हुआ और मंदिर तक आने वाले हर श्रद्धालुओं को दर्शन की सविधा दी। प्री-बुकिंग नहीं कराने वालों को भी मंदिर में प्रवेश दिया। प्रशासन की कोशिश रही कि एक बजे तक अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को दर्शन कराने के बाद मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों को खाली करा लिया जाए, ताकि सवारी के दौरान अव्यवस्था नहीें हो।

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जहां-तहां पार्किंग लगता रहा जाम

यात्रियों के वाहन चारधाम और माधव सेवा न्यास पार्किंग में पहुंचे। यह पार्किंग फुल होने से यात्रियों ने चारधाम की ओर जाने वाले मार्ग पर जहां-तहां पार्किंग कर दी। इससे जाम की स्थिति बन गई। इसके बाद वाहनों को चिंतामन रोड से नृसिंह घाट की ओर डायवर्ट करना पड़ा।

रास्ते बंद करने से मंदिर क्षेत्र के रहवासी परेशान

दर्शन कतार चारधाम मंदिर मार्ग से होने के कारण मंदिर की ओर आने वाले सभी मार्गों को बंद कर दिया था। इस कारण मंदिर के आसपास रहने वाले लोगों का आवागमन भी बाधित हुआ। मंदिर के आसपास के मार्ग रोकने से रहवासी परेशान हुए। बैरिकेडिंग के कारण मंदिर के आस-पास के क्षेत्रों को रहवासियों को पैदल भी नहीं निकलने दिया।

छोटे-छोटे ग्रुप में आ रहे कावड़ यात्री…

कोरोना महामारी के बाद अब तीसरी लहर के प्रकोप से बचने के लिए प्रशासन द्वारा कावड़ यात्राओं पर प्रतिबंध लगा रखा हैं। इससे बचते हुए छोटे-छोटे ग्रुप मे कावड़ यात्रियों के आने का सिलसिला जारी हैं। सावन के दूसरे सोमवार को इंदौर और ओंकारेश्वर के श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे। इंदौर के युवाओं का दल शहीदों के सम्मान में भगवान महाकालेश्वर का जलाभिषेक करने के लिए ओंकारेश्वर से नर्मदा का जल लेकर आया। रिमझिम फुहारों के बीच सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए भगवान महाकाल को जल चढ़ाने कावडि़ए आ रहे हैं।

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