.लॉकडाउन पर घर लौट रहे मजदूरों ने कहा … पिछले साल जैसा हुआ तो हम कहीं के नहीं रहेंगे..
उज्जैन। देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। यह बात अलग है कि इस बार केन्द्र सरकार द्वारा लॉकडाऊन न लगाते हुए फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ दिया है।प्रमुख व्यावसायिक राज्य महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली के विभिन्न शहरों में लॉकडाऊन लगा है। ऐसे में पिछले लॉकडाऊन का दंश झेल चुके मजदूरों ने अब अपने घरों की ओर पलायन शुरू कर दिया है।
ट्रेनों, बसों व अन्य साधनों से घरों की ओर मजदूर लौट रहे हैं। सुबह साबरमती एक्सप्रेस से घरों को जा रहे मजदूरों से अक्षर विश्व की टीम ने चर्चा की। गुजरात के अलग-अलग शहरों की फैक्ट्रीयों में काम करने वाले लोग अपने परिवार के साथ साबरमती एक्सप्रेस से घर लौट रहे थे। उन्होंने बताया कि पिछली बार अचानक लॉकडाऊन लागू कर दिया था। हम लोगों के सामने रोजगार के अलावा खाने पीने का संकट खड़ा हो गया था।
हालात सामान्य हुए तो फिर काम करने आ गये थे, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर आते ही हालात फिर बिगडऩे लगे हैं। पिछले अनुभव का डर है कि कहीं दुबारा लॉकडाऊन लग गया तो क्या करेंगे। अभी तो बसें और ट्रेनें चल रही हैं इस कारण सुरक्षित अपने घर लौटना चाहते हैं। कानपुर के ब्रम्हदत्त परिहार ने बताया कि गांव में घर तो है लेकिन रोजगार नहीं। लॉकडाऊन खत्म हुआ तो सूरत के सेठ ने वापस काम पर बुलाया इस कारण गांव से वापस काम करने आ गये थे, लेकिन सूरत के हालात फिर बिगडऩे लगे हैं इस कारण परिवार के साथ गांव जा रहे हैं। मजदूरों और फैक्ट्री श्रमिकों की हालत यह है कि वे ट्रेनों में रिजर्वेशन टिकिट कन्फर्म नहीं मिलने के कारण वेटिंग टिकिट लेकर परिवार के साथ यात्रा कर रहे हैं।