उज्जैन:मतदान के लिए सिर्फ चार दिन शेष, लेकिन प्रचार का शोर कमजोर

By AV NEWS

कई जगह कार्यकर्ताओं का टोटा

कार्यकर्ताओं की कमी से झंडा-बैनर बांधने के लिए प्रत्याशियों को बुलाने पड़ रहे मजदूर

उज्जैन।नगर निगम चुनाव के लिए छह जुलाई को मतदान होगा। यानी एक सप्ताह से भी कम समय शेष है, लेकिन इस बार के चुनाव में हर बार की तरह ना तो ज्यादा शोर सुनाई दे रहा है और न ही कार्यकर्ताओं की भीड़ वार्ड कार्यालयों में नजर आ रही है।

स्थिति यह है कि पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को झंडे, बैनर बांधने के लिए मजदूर लगाना पड़ रहे हैं, वहीं मतदाता भी खामोश नजर आ रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए प्रत्याशियों की चिंता बढ़ गई हैं और वरिष्ठ नेताओं को पूरी स्थिति से अवगत कराते हुए वार्ड में प्रचार के लिए गुहार लगा रहे हैं।

शहर में 6 जुलाई को नगर निगम चुनाव का मतदान है और उसके 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार थम जाएगा। यानी इस लिहाज से महापौर पार्षद प्रत्याशियों के पास सिर्फ चार दिन का ही समय बाकी रह गया है।

इन चार दिनों में जहां महापौर प्रत्याशी को पूरे शहर के 54 वार्डों से लेकर 4.61 लाख से अधिक मतदाताओं तक पहुंच बनाना है, वहीं पार्षद प्रत्याशियों को अपने-अपने वार्ड की गली-गली नापना है। लेकिन इस बार चुनाव पूरी तरह से फीका नजर आ रहा है।

दोनों ही दलों द्वारा अनेक वार्डों में बाहरी प्रत्याशियों को उतारने से स्थानीय नेताओं ने चुनाव से दूरी बना ली है। इसकी वजह से वार्डों में खुले कार्यालयों में न कार्यकर्ता नजर आ रहे हैं न मतदाता चुनाव में रूचि ले रहे हैं।

200 से 500 रुपये में मिल रहे प्रचारक

सूत्रों के मुताबिक मतदाताओं को रिझाने और अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए पार्षद पद के प्रत्याशी पैसे देकर भीड़ जुटा रहे हैं। खबर के मुताबिक चुनाव प्रचार में एक दिन के लिए पुरूष को करीब 200-300 रुपए के साथ खाना दिया जा रहा है, वहीं प्रत्याशी अपने साथ महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लिए प्रति महिला पर करीब 400-500 रुपए का रोजाना भुगतान कर रहे हैं।

चूंकि सुबह से शाम तक प्रचार में व्यवस्था रहने से महिलाओं के लिए खाने की व्यवस्था भी उम्मीदवार को ही करनी होती है। बता दें कि चुनाव में फ्लैक्स, होर्डिग्स और बोर्ड बनाने वालों पास ऑडर्स की तादाद इतनी अधिक है कि 2 से 3 दिन में डिलीवरी दे पा रहे हैं। कारोबियों की मानें तो इस बार चुनाव में कुल कारोबार सवा से डेढ़ करोड़ रुपए रहने का अनुमान है।

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