उज्जैन:शनिश्चरी अमावस्या पर अनुमान से कम आए श्रद्धालु ,घाट पर फव्वारों से स्नान

By AV NEWS

उज्जैन।शनिश्चरी अमावस्या के अवसर पर त्रिवेणी संगम पहुंचकर सैकड़ों महिला पुरुषों ने फव्वारा स्नान के बाद शनिदेव के दर्शन पूजन कर पुण्य लाभ कमाया, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार अनुमान से कम लोग यहां पहुंचे।प्रशासन द्वारा त्रिवेणी संगम पर स्नान के लिये आने वाले लोगों की सुविधा के मद्देनजर घाटों पर फव्वारे लगाकर स्नान की व्यवस्था की गई थी।

पुराने पुल को पार करने के बाद ही बेरिकेडिंग की गई जिसमें प्रवेश के बाद लोग सीधे घाटों पर पहुंचे। यहां फव्वारों में स्नान के बाद बेरिकेडिंग से होते हुए मंदिर में प्रवेश के बाद निर्गम द्वार से बाहर हुए। संगम पर स्नान के लिये पहुंचने वालों में अधिकांश संख्या ग्रामीणों की रही। लोगों ने स्नान, दर्शन के बाद मंदिर के बाहर हवन पूजन और दान किया।

शिवलिंग के रूप में विराजित हैं शनिदेव
त्रिवेणी स्थित प्राचीन मंदिर में शनिदेव शिवलिंग के रूप में विराजित हैं। यहां अमावस्या के अवसर पर शनिदेव को अटूट तेल की धार से अभिषेक किया गया। मंदिर के पुजारी राकेश बैरागी ने बताया कि महाराजा विक्रमादित्य के काल के इस मंदिर में अमावस्या के अवसर पर शनिदेव के दर्शन, पूजन का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शनिश्चरी अमावस्या पर संगम पर स्नान, मंदिर में दर्शन पूजन से साढ़े साती के प्रभाव से मुक्ति मिलती है। शनिदेव का शाही श्रृंगार कर आरती पूजन किया गया।

फूल प्रसाद सीधे डस्टबीन में

फव्वारा स्नान के बाद भगवान के दर्शनों को पहुंच रहे लोगों द्वारा साथ में लाये गये फूल, प्रसाद, तेल, नारियल, अगरबत्ती को सीधे डस्टबीन में डाला जा रहा था। इसी डस्टबीन को मंदिर समिति द्वारा बनाये गये टेंट में खाली कर प्रसाद की छंटनी की जा रही थी।

भगवान को चढ़ाए तेल से लेकर जूते-चप्पल और नारियल की नीलामी होगी

शनिश्चरी अमावस्या पर त्रिवेणी स्थित शनि मंदिर में दर्शन पूजन करने वाले लोगों द्वारा चढ़ाये गये तेल, नारियल आदि से लेकर पनौती के रूप में छोड़े गये वस्त्र और जूते चप्पलों की समिति द्वारा नीलामी कराई जाती है। खास बात यह कि जो तेल की अटूट धार शनिदेव के ऊपर चढ़ाई गई उसे एक डिब्बे में एकत्रित किया जा रहा है। इसे बाद में नीलाम किया जाएगा।

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