जनवरी से मार्च के बीच हटाए गए स्टॉफ की कमी पूर्ति नहीं की, अब मरीजों और स्टॉफ के बीच हो रहे विवाद
उज्जैन। शा.माधवनगर इस समय फुल चल रहा है। यहां पर 90 प्रतिशत ऑक्सीजन से कम वाले मरीजों को रखा जा रहा है जोकि गंभीर श्रेणी में आते हैं। यहां पर मरीजों की तुलना में पदस्थ स्टॉफ कम होने से उपचार में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह दावा है पदस्थ स्टॉफ का।
स्टॉफ का यह भी आरोप है कि रेग्युलर स्टॉफ को पिछले माह सिविल सर्जन ने यहां से हटा लिया था। वहीं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन,भोपाल के निर्देश पर पिछले तीन माह में लगातार संविदा स्टॉफ हटाया जाता रहा। इसके चलते अब शा.माधवनगर में स्टॉफ की कमी हो गई है। गंभीर मरीजों की संख्या बढऩे, आयसीयू सहित सभी वार्डो में मरीजों के पलंग भर जाने के कारण हालात विवादों में बदलने लगे हैं। मरीजों का कम स्टॉफ द्वारा उपचार करने के चलते स्टॉफ भी थकने लगा है। इनका आरोप है कि डॉक्टर्स तो पर्याप्त संख्या में है लेकिन पेरा मेडिकल स्टॉफ कम होने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कलेक्टर से मांग की है कि जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या कम है। ऐसे में अन्य वार्डो में पदस्थ स्टॉफ को अस्थायी तोर पर यहां पर पदस्थ किया जाए। ताकि तीन पारियों में चल रही ड्यूटी में स्टॉफ उर्जा से भरा रहे और उपचार में गंभीरता बरत सके।
पूर्व में अस्थायी स्टॉफ को हटाया गया था लेकिन करीब आधा दर्जन स्टॉफ को पुन: शा.माधवनगर भेजा गया है। यदि वहां स्टॉफ की कमी है तो हॉस्पिटल प्रभारी डॉ.भोजराज
शर्मा सूचित करें, ताकि व्यवस्था की जा सके। फिलहाल ऐसी
कोई सूचना हमें नहीं है।
डॉ.पी.एन.वर्मा, सिविल सर्जन