बेगमबाग के 165 मकान को कल नहीं हटाएंगे!
उज्जैन। बेगमबाग में महाकाल वन अन्तर्गत स्मार्ट सिटी के तहत होनेवाले विकास कार्यो के लिए 165 मकानों की जमीन अधिग्रहित करने को लेकर कथित गतिरोध आ गया है। सूत्रों का दावा है कि सोमवार को मकान तोडऩे की कार्यवाही नहीं होगी। इसके पिछे सर्किट हाउस पर सम्पन्न बैठक का हवाला दिया जा रहा है,जिसमें कलेक्टर-एसपी सहित शहर काजी एवं भाजपा से जुड़े कुछ लोग शामिल हुए थे।
सरकारी जमीन पर बने बेगमबाग बस्ती के 165 मकानों को हटाने की मुनादी पिछले दिनों एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी ने माईक पर संबंधित लोगों के सामने की थी। एएसपी अमरेंद्रसिंह भी मौके पर मौजूद थे। उस समय कतिपय लोगों ने इसका विरोध किया और अधिकारियों के साथ विवाद भी किया था। इसके बाद प्रशासन ने मुनादी करते हुए 15 मार्च अंतिम तारीख घोषित कर दी थी। इधर सूत्रों का दावा है कि मुनादी से पूर्व हुए विवाद को लेकर एक समन्वय बैठक सर्किट हाउस पर हुई। इसमें कलेक्टर आशीषसिंह, एसपी सत्येंद्र शुक्ल,शहर काजी खलीकुर्रेहमान और भाजपा से जुड़े कुछ लोग शामिल हुए थे।
स्वयं मकान तोडऩे को लेकर सहमति
बैठक में इस बात को लेकर सहमती बनी थी कि लोग अपने मकान स्वयं तोड़ लेंग/खाली कर देंगे। कलेक्टर ने आश्वासन दिया था कि जब तक संबंधितों को मकान नहीं मिल जाते,वे किराए के मकान में चले जाएं। प्रशासन प्रति माह 3 हजार रू. प्रति मकान प्रभावित परिवार को किराए के रूप में देगा। सूत्रों के अनुसार इसके बाद कथित रूप से यह सहमती बन गई थी कि प्रशासन 15 मार्च को कोई एक्शन नहीं लेगा।
इधर पुलिस-नगर निगम-प्रशासन के सूत्रों का कहना था कि रविवार दोपहर तक ऐसी किसी तैयारी के निर्देश नहीं मिले थे,जिसमें कहा गया हो कि 15 मार्च को बेगमबाग में मकान तोडऩे जाना है। इसी के चलते फिलहाल यही समझा जा रहा है कि 15 मार्च को मकान तोडऩे प्रशासन नहीं पहुंचेगा। शहर काजी के साथ बैठक के बाद कलेक्टर ने नई गाइड लाइन तय की है,जिसकी जानकारी केवल उन्ही को है। इधर इस संबंध में कलेक्टर आशीषसिंह और शहर काजी से चर्चा करना चाही लेकिन नहीं हो सकी।इ इधर यहां बने सरकारी भवनों को खाली कराया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अस्पताल भवन और आवासों को हटाया जा चुका है। जमीन खाली होने के बाद यहां जूता स्टैंड, क्लॉक रूम आदि बनाए जाना है।