उज्जैन के सबसे बड़े अस्पताल समूह की कमान अब दिल्ली-एनसीआर की मैनेजमेंट कंपनी मेही के हाथों में

By AV NEWS

चेरिटेबल ट्रस्ट के अवन्ति, चेरिटेबल और आरडी गार्डी हॉस्पिटल की व्यवस्थाओं का संचालन करेगी कंपनी

मेही के अधिकारी ले रहे व्यवस्थाओं का जायजा होंगे बहुत से परिवर्तन

उज्जैन (नप्र)। उज्जैन चेरिटेबल ट्रस्ट के बुधवारिया स्थित चेरिटेबल हॉस्पिटल, सुरासा स्थित आर डी गार्डी मेडिकल कॉलेज और अवंति हॉस्पिटल (पूर्व में सीएचएल)का स्वरूप आने वाले माहों में बदला-बदला नजर आएगा। तीनो हॉस्पिटल्स के मैनेजमेंट के लिए ट्रस्ट दिल्ली-एनसीआर की एक बड़ी मैनेजमेंट कंपनी से करार करने जा रहा है। जिसके तहत तीनो अस्पतालों के रोजमर्रा के कामों का प्रबंधन अब निजी कंपनी के हाथों में होगा।

इससे मरीजों और तीनो अस्पतालों को कितना लाभ होगा और उसके लिए मरीज को क्या कीमत चुकाना होगी यह अभी भविष्य के गर्भ में है। हालांकि सूत्र बताते है की नोएडा स्थित जिस कंपनी से करार होने जा रहा है उसका नाम रूश्व॥ढ्ढ (मेही) है वह वर्तमान में देश के नामी हॉस्पिटल फोर्टिस के मैनेजमेंट का काम भी देखती है, जिससे यह माना जा रहा है की तीनो अस्पतालों में मिलने वाली सुविधाएं बढऩा तो तय है। इस विषय में उज्जैन चेरिटेबल ट्रस्ट के कर्ताधर्ता डॉ. वीके महाडिक ने फिलहाल कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।

इस कंपनी के साथ मैनेजमेंट, इवेंट, कमर्शियल और रैफरल मामलों को लेकर एक समझौता उज्जैन चेरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा किया गया है। सूत्रों का यह दावा है कि उक्त डिल होने के बाद करीब एक माह से मेही कंपनी के अधिकारियों द्वारा विभिन्न स्तर पर चिह्नित डॉक्टर्स, एकाउंट सेक्शन के अधिकारी, सीए, पेरामेडिकल स्टॉफ और अन्य कमर्शियल मुद्दों पर अलग-अलग बैठकें हो चुकी है।

तीनों हॉस्पिटल को किस प्रकार से चलाया जाए, ताकि ये लाभ में हो और उज्जैन संभाग में, इंदौर के हॉस्पिटल्स का विकल्प बन सके। इस हेतु कौन सी तकनीकें यहां लाई जाएं तथा किन बिंदुओं पर ध्यान दिया जाए, जिससे मरीज और उसके परिजन संतुष्ट होकर जाएं। इन मुद्दों पर उक्त कम्पनी के विश्वसनीय अधिकारी और कर्मचारी अपनी पहचान छिपाकर लगे हुए हैं। वे सामान्य नागरिक के रूप में इन तीनों हॉस्पिटल में सुबह से रात तक रहते हैं। आने जाने वालों से चर्चा करते हैं। सुविधाओं, डॉक्टर्स, मेडिकल स्टोर्स, दवाईयों को लेकर फिडबेक लेते हैं। जो फिडबेक आते हैं, वे विश्लेषण के लिए दिल्ली भेजे जाते हैं।

बदलाव कर दिया है शुरू
उक्तकम्पनी अवंति हॉस्पिटल से ही बदलाव की शुरूआत कर रही है। यहां कुछ डॉक्टर्स हटाए जा चुके हैं। वहीं कुछ को नये सिरे से रखा है। सीएचएल का सबकुछ देखने वाले दीपेश शर्मा को भी डॉ.महाडिक ने हटा दिया है। डॉ.महाडिक रोजाना दो घंटे के लिए आते है और नजर रखते हैं। अवन्ति हॉस्पिटल की केंटीन और मेडिकल स्टोर्स की कार्य पद्धति पर अंगुलियां उठने के बाद उन्होने यहां सख्त निर्देश दिए हैं। परिणाम यह रहा कि मेडिकल स्टोर्स संभालने वाला छोड़कर चला गया।

महाडिक ने चर्चा नहीं की
मेही कंपनी को लेकर पूरे मामले में जब उज्जैन चेरिटेबल ट्रस्ट के मुख्य कर्ताधर्ता डॉ.महाडिक से बात करना चाही तो उन्होने चर्चा से इंकार कर दिया। वहीं अन्य ट्रस्टियों ने हमेशा की तरह एक ही जवाब दिया कि जब डॉ. महाडिक चर्चा नहीं कर रहे तो हम कैसे करें? लेेकिन उन्होने यह जरूर कहा कि यह सभी बातें सही है।

स्टॉफ को ऐसे पता लगा….: दो दिन पूर्व ही अवंति हॉस्पिटल के स्टॉफ को इस पूरे मामले का पता चला। इम्पीरियल होटल में मेही कंपनी का एक अधिकारी ठहरा हुआ है। वह रोजाना अवंति हॉस्पिटल आता है और सुबह से रात तक हर गतिविधि को वॉच करता है। न तो किसी से बोलता है और न ही किसी के पास जाकर बैठता है। लगातार ऐसा होने पर स्टॉफ की नजर में वह आया। कुछ लोगों ने उसकी जासूसी की तो सारा मामला खुलकर सामने आ गया। हालांकि आज भी वह सुबह से ही वहां अपने काम में लगा हुआ था।

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