उज्जैन दुग्ध संघ: घी घोटाले को फाइल में दफन करने के जतन

By AV NEWS

उज्जैन। उज्जैन दुग्ध संघ में ३० लाख के घोटाले को लेेकर केवल जांच का हवाला दिया जा रहा हैं। कार्रवाई तो नहीं हुई,इसके विपरीत घोटाले से जुड़े निलंबित अधिकारियों को बहाल कर दिया गया है। इससे तो यही लग रहा है कि घी घोटाले को फाइल में दफन करने के जतन किए जा रहं हैं।

उज्जैन दुग्ध संघ के सांची ब्रांड के घी से जुड़े घोटाले पर पर्दा डालने के प्रयास शुरू हो गए है। मामले में निलंबित अधिकारियों को बहाल कर दिया गया है। कहा जा रहा है कि जांच जारी है। जब जांच जारी है,तो प्रथम दृष्टया लापरवाह अधिकारियों को बहाल कर वहां क्यो पदस्थ किया गया है,जहां जांच चल रही हैं। बता दें कि दोनों अधिकारियों को भोपाल अटैच किया गया हैं। घी घोटाले की जांच भोपाल से ही चल रही हैं। भोपाल से उज्जैन दुग्ध संघ भेजी गई टीम ने जांच की थी। इसके अलावा मामले को दबाने के प्रयास की शंका इसलिए भी हो रही है कि उज्जैन दुग्ध संघ के कतिपय स्थानीय अधिकारियों घी गायब होने की पूरी जिम्मेदारी सुरक्षाकर्मियों पर डालने की कोशिश में हैं।

पांच किलो के पैक पर टारगेट
भोपाल से जांच के लिए आने वाले टीम को पडताल में पता चला कि उज्जैन दुग्ध संघ से पांच किलो घी के ३६३ और १५ किलो के २६४ पैक गायब किए गए है। इससे साफ है कि पांच किलो पैंकिग ले जाने में आसानी होने से इन पैक पर ही टारगेट किया गया।

चार साल पहले चालीस लाख का दूध घोटाला
दुग्ध संघ का घोटाले और अनियमितता से पूराना नाता हैं। ४ साल पहले ४० लाख के भुगतान का घोटाला हो चुका हैं। इस पर उच्च स्तरीय जांच के बाद भी कुछ नहीं हुआ। सूत्रों के अनुसार इसके पूर्व भी सांची के प्लांट से दूध बिक्री के दौरान 40 लाख रु. का गबन पकड़ा था। इसकी जांच का परिणाम अभी तक नहीं आया है। 4 साल पहले तत्कालीन सीईओ और तत्कालीन मार्केटिंग अधिकारी ने एनसीआर दिल्ली में उज्जैन दुग्ध संघ के प्रोडेक्ट की बिक्री के लिए डिस्ट्रीब्यूटर नियुक्ति किया था। डिस्ट्रीब्यूटर काम छोड दिया और उस दौरान डिस्ट्रीब्यूटर की तरफ करीब 40 लाख रुपये लेना बाकी रहा था। सूत्रों का कहना है कि उस समय जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से संघ को भुगतान नहीं हुआ। जांच के लिए भोपाल में उच्च अधिकारियों ने टीम ने जांच की, जिसका परिणाम अभी तक सामने नहीं आया हैं।

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