उज्जैन-देवास-इंदौर रेल लाइन: एक ही दिशा की प्रोग्रेस से प्रोजेक्ट में देरी

रेलवे ने अतिरिक्त बजट से सबसे ज्यादा इस प्रोजेक्ट को 178 करोड़ रुपए जारी किए
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उज्जैन।तय डेट लाइन से विलंब चल रहे उज्जैन-देवास-इंदौर रेल लाइन दोहरीकरण प्रोजेक्ट में केवल उज्जैन की दिशा से काम चल रहा हैं। ऐसे में जानकार प्रोजेक्ट पूरा होने में और अधिक देरी की आशंका व्यक्त कर रहे हैं।उज्जैन-देवास-इंदौर रेल लाइन दोहरीकरण के लिए रेलवे ने 178 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि दे दी।
अतिरिक्त बजट में फंड अच्छा मिल गया, लेकिन प्रोजेक्ट लेट है। रेलवे जानकारों का मानना है कि इस प्रोजेक्ट में दोनों ओर से तेजी से काम करने की जरूरत है, तभी प्रोजेक्ट दो साल में पूरा हो पाएगा। रेलवे फिलहाल उज्जैन-देवास के बीच में काम कर रहा है। प्रोजेक्ट में मांगलिया, बरलई, लक्ष्मी बाई नगर में तीन ब्रिज बनना है, इसका काम भी अभी से शुरू किया जाना चाहिए, क्योंकि इसी में सालभर से ज्यादा समय लगेगा। यदि यह काम हो गया तो उस समय पटरी बिछाने का काम रहेगा, रेलवे को अतिरिक्त समय भी नहीं लगेगा।
जल्द शुरू हो इंदौर क्षेत्र से काम
रेलवे जानकारों के मुताबिक रेलवे को चाहिए कि दोनों ओर (उज्जैन के साथ ही इंदौर से भी) काम शुरू करें। प्रोजेक्ट में इंदौर के आसपास के इन ब्रिज के लिए अगले साल मार्च का इंतजार नहीं करना चाहिए, क्योंकि सबसे ज्यादा समय इसी में लगेगा। 2017 में पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने यह प्रोजेक्ट स्वीकृत कराया था, क्योंकि इंदौर-देवास के बीच रेल लाइन पर 140 प्रतिशत दबाव था। वहीं प्रोजेक्ट को इस बार बजट में महज एक हजार रुपए की राशि दी थी। इसके बाद काफी विरोध हुआ। बाद में रेलवे ने अतिरिक्त बजट से सबसे ज्यादा इस प्रोजेक्ट को 178 करोड़ रुपए की राशि जारी की।
प्रोजेक्ट पर एक नजर
उज्जैन-देवास-इंदौर रेल लाइन डबलिंग: 79.23 किमी का प्रोजेक्ट
प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ: 2017 में
पूरा होना था:2020 में
वर्तमान स्थिति: उज्जैन-देवास के बीच में काम चल रहा है, अभी 15 किमी से ज्यादा हिस्से में काम पूरा हो चुका है।