उज्जैन नगरीय निकाय चुनाव : महापौर प्रत्याशियों का चुनाव प्रबंधन

By AV NEWS

शुरुआती प्रचार खर्च में परमार आगे, टटवाल दूसरे नंबर पर…

दूसरे चरण में खर्च का ब्योरा सामने आया, तीसरे चरण के लिए हिसाब 3 जुलाई तक देना हैं

उज्जैन।चुनाव में महापौर प्रत्याशियों द्वारा प्रचार खर्च के मामले में कांग्रेस के महेश परमार सबसे आगे हैं। नामांकन से लेकर प्रचार के पहले चरण में वे 2.84 लाख रुपए से अधिक खर्च कर चुके हैं। भाजपा के महापौर प्रत्याशी 1.25 लाख खर्च के साथ दूसरे नंबर पर हैं।

नगर निगम महापौर के लिए 5 उम्मीदवार मैदान में हैं। राज्य निर्वाचन के अनुसार उम्मीदवार को तीन चरण में अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा देना हैं। पहले चरण में खर्च का ब्योरा सामने आया हैं।

इसमें कांग्रेस के महेश परमार की और से नामांकन, प्रचार, सभा और राजनीतिक आयोजन,वाहनों पर 2 लाख 84 हजार 975 रु.का खर्च दर्शाया हैं। भाजपा के मुकेश टटवाल ने भी नामांकन, प्रचार, सभा और राजनीतिक आयोजन,वाहनों पर 1 लाख 25 हजार 549 रु. खर्च कर चुके हैं।

इसके बाद राजनीतिक हलकों इस बात की चर्चा है कि शहर भाजपा की चुनाव सामग्री से अटा हुआ है और भाजपा प्रत्याशी का खर्च केवल 1.24 लाख रु. ही दर्शाया है। इधर बसपा, आम आदमी पार्टी,निर्दलीय प्रत्याशी का चुनावी खर्च 50 हजार रुपए के अंदर है। यह ब्यौरा 28 जून मंगलवार तक का है। वहीं तीसरा ब्योरा 3 जुलाई तक देना है।

स्टार प्रचारक का प्रावधान नहीं, मेयर-पार्षद प्रत्याशियों के खाते में जुड़ेगा खर्च

राज्य निर्वाचन के अनुसार नगरीय निकाय चुनाव में आयोग ने स्टार प्रचारक के लिए कोई प्रावधान नहीं किया है। चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशी के निर्वाचन क्षेत्र में इस तरह कोई स्टार प्रचारक आता है तो वह खर्च प्रत्याशी के खाते में शामिल होगा। एक ही मंच से एक से अधिक प्रत्याशियों की सभा होने की स्थिति में महापौर व पार्षद के केस में खर्च का बंटवारा अधिकतम सीमा के अनुपात में किया जाएगा।

बागी : कांग्रेस से एक बाहर, भाजपा में 14 की कतार….

उज्जैन। नगर निगम चुनाव में कांग्रेस-भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ मैदान में उतरने वाले बागी प्रत्याशी कितने प्रभावी होंगे यह तो आने वाला वक्त पर पता चलेगा,लेकिन दोनों दलों ने बागियों को बाहर का रास्ता दिखाने का निर्णय लिया है। कांग्रेस ने एक बागी को निष्कासित कर दिया गया है। वहीं भाजपा की स्थानीय इकाई ने 14 अनाधिकृत प्रत्याशियों को निकालने के लिए प्रदेश संगठन को नाम भेज दिए है।

बागियों की मौजूदगी से चुनाव परिणाम प्रभावित होने की संभावना नजर आ रहीं है। बहरहाल कांग्रेस ने बागियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी कड़ी में कांग्रेस अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव में उतरने पर निर्दलीय उम्मीदवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया है।

कार्रवाई प्रदेश संगठन के पदाधिकारी चंद्रप्रभाष शेखर ने की है। इधर चुनाव में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के विरोध में चुनाव लड़ रहे बागियों को पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी का समर्थन अवसर दिया गया था। समय निकल जाने के बाद 14 बागी प्रत्याशियों को पाटी से बाहर करने के लिए प्रदेश भाजपा संगठन को नाम भेज दिए गए है।

भाजपा के प्रयास थे कि बागी प्रत्याशी बुधवार को होने वाली मुख्यमंत्री की सभाओं के दौरान पार्टी प्रत्याशी को समर्थन देने की घोषणा करते है,तो माफ कर दिया जाएगा। इसके बाद भी किसी भी बागी ने भाजपा उम्मीदवार को समर्थन देने की घोषणा नहीं की। इस के बाद 14 नाम कार्यवाई के लिए भेजे गए हैं।

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