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उज्जैन नगर निगम अध्यक्ष बनी कलावती यादव

बीजेपी की कलावती यादव को 39 वोट मिले

कांग्रेस के राजेंद्र गब्बर कुंवाल को 16 वोट मिले

सभापति चुनाव मे हुई क्रॉस वोटिंग, 1 कांग्रेस पार्षद ने डाला वोट

उज्जैन। शहर नगर निगम अध्यक्ष सीनियर पार्षद कलावती यादव चुन गई। वे पार्षद का लगातार छटा चुनाव जीती हैं। उन्होंने 55 (महापौर सहित) में से 39 वोट प्राप्त किए।

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एक वोट उन्होंने कांग्रेस पार्षद का भी प्राप्त किया.अध्यक्ष पद के चुनाव में उनका मुकाबला कांग्रेस के पार्षद राजेंद्र कुवाल से था। उन्हें 16 वोट प्राप्त हुए। परिणाम की घोषणा के बाद भाजपा ने विजय जुलूस निकाला।नगर निगम में भाजपा के 37 और कांग्रेस के 17 पार्षद है।

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देर रात चली सरगर्मी, सुबह घोषित हुआ नाम…

भाजपा में नगर निगम अध्यक्ष पद के चार से पांच दावेदार होने के कारण संगठन को भारी मशक्कत का सामना करना पड़ा। प्रदेश संगठन के पर्यवेक्षक की रिपोर्ट के हवाले से दावा किया जा रहा था,कि उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव की बहन और 6 बार की पार्षद कलावती यादव को ही अध्यक्ष बनने का मौका दिया जा रहा है।

इधर यह भी दावा किया जा रहा था कि जातिगत समीकरण और वर्ग संतुलन के मद्देनजर संगठन किसी समान्य वर्ग के पार्षद को अवसर देंगी। शुक्रवार को महापौर और भाजपा के पार्षदों की शपथ के बाद भाजपा खेमे में यह बात तेजी से फैली की पार्टी से सामान्य वर्ग के पार्षद को अध्यक्ष बनाया जा रहा है। इसके बाद पार्टी में सत्ता-संगठन के बीच सरगर्मी तेज हो गई जो देर रात तक चली। अंतत: शनिवार सुबह सभी चर्चाओं पर उस वक्त विराम लग गया,जब भाजपा पार्षदों की बैठक में अध्यक्ष के लिए कलावती यादव के नाम की घोषणा की गई।

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उच्चशिक्षा मंत्री बोले …कलावती दीदी को 30 साल की तपस्या का फल मिला

लम्बी जद्दोजहद और कयावद के बाद भाजपा द्वारा वरिष्ठ पार्षद कलावती यादव को नगर निगम अध्यक्ष के लिए उम्मीदवार घोषित करने से खुश उच्चशिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि कलावती दीदी को पार्टी संगठन ने 30 साल यानि तीन दशक की तपस्या का फल दिया है। यादव ने कहा मैं तो 2013  में पहला चुनाव लड़ा था। दीदी तो 1993 से पार्षद है। उस वक्त कांग्रेस की इंदिरा त्रिवेदी को अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से पद से हटाया था।

उस वक्त कलावती दीदी महापौर पद की दावेदारी थी। पार्टी ने वरिष्ठता के कारण अंजु भार्गव को मौका दिया था। इसके बाद कलावती दीदी हर परिषद में लगातार अलग-अलग वार्ड से पार्षद रहीं। इस दौरान दो मर्तबा नगर निगम अध्यक्ष बनने का मौका आया,लेकिन संगठन ने एक बार प्रकाश चित्तौड़ा और दो बार सोनू गेहलोत को अध्यक्ष बनाया। मंत्री यादव ने कहा आखिरकार कलावती दीदी के ध्यैर्य और तपस्या का फल पार्टी ने दिया है।

कांग्रेस में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं

संख्या के मान से कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मुकाबले में नहीं है,फिर पार्टी ने मैदान खाली नहीं छोडऩे का निर्णय लिया। पार्षदों की एक बैठक में बगैर किसी प्रतिस्पर्धा के सर्वसहमति के आधार पर कांग्रेस से राजेंद्र कुवाल गब्बर को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया। इसके पहले कांग्रेस के सभी 17 पार्षदों ने निगम का विशेष सम्मेलन आहुत होने से पहले शपथ ग्रहण की। इसके बाद कलेक्टर और पीठासीन अधिकारी आशीषसिंह ने सम्मेलन की कार्रवाई प्रारंभ की।

अपील समिति में भाजपा के तीन, कांग्रेस से एक सदस्य

अपील समिति का निर्वाचन अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा किया जाता है। प्रक्रिया जटिल होने से आमतौर पर पक्ष-विपक्ष दोनों ही इस चुनाव से बचते हुए आमसहमति के आधार पर सदस्यों के नाम तय कर लेते है। जानकारों के अनुसार निगम के 54 पार्षदों की संख्या के अनुसार अपील समिति के चार सदस्यों का निर्वाचन होता है। दोनों ही दल ने आम सहमति से सदस्यों के नाम तय कर लिए है।

इसमें भाजपा से नीलम राजा कालरा, पंकज चौधरी, गजेंद्र हिरवे और कांग्रेस से पूनम मोहित जायसवाल द्वारा नामाकंन जमा किया गया। अधिक उम्मीदवार नहीं होने की स्थिति में इनका र्निविरोध निर्वाचन तय है।

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